भंडारा. वर्तमान में पारम्पारिक धान खेती नुकसान में रहने से किसान अब साग-सब्जी फसल के साथ ही फल नर्सरी बुआई की ओर ध्यान दे रहे हैं. अब कृषि विभाग रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से जिले में 200 हेक्टेयर पर फल नर्सरी की बुआई की जाएगी. इससे 1,683 मजदूरों को दिलासा मिलेगा. इसमें भंडारा तहसील में 58.10 हेक्टेयर पर फल नर्सरी बुआई के लिए कृषि विभाग ने मंजूरी दी है.
जिले में धान मुख्य फसल है. हालांकि खर्च में वृद्धि होने से किसानों के हाथ में अपेक्षित उत्पन्न नहीं आता है. फल नर्सरी की बुआई करने के बाद किसान आंतर फसल ले सकेंगे. इस कारण किसानों को दोगुणा लाभ होगा. सरकारी कृषि विभाग द्वारा इसके लिए किसानों को मार्गदर्शन किया जा रहा है.
योजना का लाभ लें किसान : कोटांगले
रोजगार गारंटी योजना से किसानों को फल नर्सरी बुआई करनी है. किसान स्वयं परिवार की मदद से बुआई कर सकते हैं. उनके काम के पैसे किसानों के खाते में जमा होंगे. किसानों का जाब कार्ड आवश्यक है. 3 वर्षों के लिए सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है. कटहल, आम, चिकू, जाम, सीताफल बुआई की जाएगी. सरकार के भंडारा व आंधलगांव फलरोप वाटिका से पौधे उपलब्ध कर दिए जाएंगे.
भंडारा तहसील में आम की बुआई 53.40 हेक्टेयर, कटहल 1.90 हेक्टेयर, नींबू 0.40 हेक्टेयर, जाम 0.90 हेक्टेयर, आवला 1.30 हेक्टेयर, चिकू 0.20 हेक्टेयर बुआई की गई है. फल नर्सरी बुआई से आम के 73, कटहल 7, नींबू 4, जाम 2, आंवला 2, चिकू 2 इस तरह 90 किसानों ने योजना का लाभ लिया है. तहसील कृषि अधिकारी अविनाश कोटांगले ने कहा कि फल नर्सरी योजना का किसानों ने लाभ लेना चाहिए. भंडारा जिले के लिए यह योजना लाभकारक बन सकती है.
जिले में पोषक वातावरण : लाड
उपविभागीय कृषि अधिकारी मिलिंद लाड ने कहा कि भंडारा जिले में फल नर्सरी बुआई के लिए पोषक वातावरण है. 15 से 20 किसानों ने इकठ्ठा आकर बुआई करने पर अच्छा उत्पन्न मिलेगा. जिले में 200 हेक्टेयर पर फल नर्सरी बुआई अपेक्षित है.