Strike Bhandara

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भंडारा. सरकार की कामगार विरोधी नीति के विरोध व संगठित व असंगठित क्षेत्र में कार्यरत करोड़ों कर्मचारी व कामगारों को पेश हो रही विविध समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने जिला मुख्यालय से लेकर तहसील व ग्रामस्तर तक कर्मचारी व कामगारों ने विरोध प्रदर्शन किया. इनमें सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन शहर में हुआ. सैकड़ों की संख्या में जुड़े कामगारों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर में त्रिमूर्ति चौक में कामगार हित के समर्थन में नारे लगाए.

बैंक शुरू व डाकघर रहे बंद

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को कामगार संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था, अपितु भंडारा में बैंकिंग कारोबार शुरू था. डाक कर्मचारियों के बंद में शामिल होने से पोस्टल सेवा प्रभावित हुई. जिलाधिकारी कार्यालय के सामने त्रिमूर्ति चौक में जिप कर्मचारी महासंघ, राज्य सरकारी कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन, महाराष्ट्र राज्य राजस्व कर्मचारी संगठन, महाराष्ट्र राज्य गर्वनमेंट नर्सेस फेडेरेशन, कृतिशील निवृत्त अधिकारी कर्मचारी संस्था व अन्य सभी संगठनों के पदाधिकारी व सदस्यों ने कोविड-19 की सूचनाओं को पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाकर, माक्स पहनकर व सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर आंदोलन किया. त्रिमूर्ति चौक में राज्य सरकारी कर्मचारी संगठन महाराष्ट्र के जिलाध्यक्ष राम येवले की अध्यक्षता में अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने मार्गदर्शन दिया. संचालन महासचिव जाधवराव साठवणे ने किया. आभार प्रदर्शन जिला संगठक राजेश राऊत ने किया.

जिलाधिकारी को सौंपा निवेदन

आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम अपर जिलाधिकारी घनश्याम भूगांवकर को निवेदन सौंपा गया. निवेदन में कहा गया है कि सभी को 1982 की पुरानी पेंशन योजना लागू करें, निजीकरण व ठेका पद्धति रद्द कर वर्तमान अंशकालीन व ठेका कर्मचारियों की सेवा नियमित करने, मियादपूर्व सेवानिवृत्ति का अन्यायपूर्ण नीति रद्द करने, कामगार व कर्मचारियों को बरबाद करनेवाले नई कामगार कानून का रद्द करने, केंद्रीय कर्मचारियों को देय सभी भत्ते राज्य कर्मचारियों को भी देने, सभी संवर्ग के रिक्त पदों को तत्काल भरने,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जिप कर्मचारी, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के प्रलंबित प्रश्नों का समाधान तत्काल करने, प्रति माह 7500 रुपये बेरोजगार भत्ता मंजूर करने, प्रत्येक गरीब को हर महीने 10 किलो अनाज देने, प्रत्येक जरूरतमंद को मनरेगा के माध्यम से कमसे कम 200 दिन रोजगार मिलने की नीति लागू करने की मांग की गई है.

शिष्टमंडल में पदाधिकारी राम येवले के अलावा सुनील मदारकर, एस. बी. भोयर, जाधवराव साठवणे, राजेश राऊत, विशाल तायडे, राजू बडवाईक, प्रमोद लाकडे, दिलीप रोडके, श्याम राठोड, जिप कर्मचारी महासंघ पदाधिकारी अतुल वर्मा, टी. आर. बोरकर, प्रमोद तिडके, जयेश वेदी, कर्षिल म्हस्के, अजय जनबंधू, कु. चंदा झलके, राज्य सरकारी कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन गौरीशंकर म्हस्के, वीरेंद्र ढबाले, महाराष्ट्र राज्य राजस्व कर्मचारी संगठन के एस. एस. साखरवाडे, महाराष्ट्र राज्य गवर्नमेंट नर्सेस फेडेरेशन की कु. भावना आयलवार, कृतिशील निवृत्त अधिकारी कर्मचारी संस्था महाराष्ट्र जिला भंडारा माधवराव फसाटे, गोविंदराव चरडे, रमेश व्यवहारे व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.