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भंडारा (का). आधुनिक काल में तकनीकी शिक्षा के कारण युवा पीढ़ी वाचन संस्कृति से दूर होती चली जा रही है. वाचन संस्कृति से दूर होने की वजह से युवा पीढ़ी ऐसे बहुत से ज्ञान से वंचित रहना पड़ रहा है.

युवा पीढ़ी सोशल मीडिया में आने वाली वस्तुओं को वाचन तो कह रहा है लेकिन समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, उपन्यास, कहानी जैसी विधाओं के वाचन से पूरी तरह से दूर होता जा रहा है.

युवा पीढी महान कवि, संत, लेखक आदि के लेखन से पूरी तरह से वंचित होते जा रहे हैं. वर्तमान में बच्चे टेलिविजन पर कार्टून फिल्म देखने में ही अपना अधिक से अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं.

मराठी में एक उक्ति बड़ी प्रसिद्ध है वाचाल तो वाचाल, यानि पढेंगे तो बचेंगे, इसलिए सुखद-सुखी जीवन व्यतीत करने के लिए पढ़ना बहुत जरूरी है.

यह सच है कि हर पीढ़ी को अपने समय के अनुसार ही पढ़ाई करनी चाहिए, लेकिन इसके साथ ही यह भी जानना चाहिए हमारे देश की प्राचीन संस्कृति कैसी थी, इसलिए हर पीढ़ी को वर्तमान में क्या-क्या हो रहा है, यह बताते हुए यह भी बताना जरूरी है कि भारत की कला संस्कृति कैसी थी. आज की पीढ़ी को यह भी बताना जरूरी है कि वाचन संस्कृति क्यों जरूरी है.