अंतरराष्ट्रीय रेत कला महोत्सव: जब कोणार्क मंदिर में लगता है कलाकृतियों का मेला

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आज यानी 2 दिसंबर को देशभर में अंतर्राष्ट्रीय रेत कला महोत्सव (International Sand Art Festival) मनाया जाता है। इस त्यौहार में रेत की मूर्तियों का निर्माण रेत कलाकारों द्वारा किया जाता है और इस कला का प्रदर्शन किया जाता है। जिसने भी = सर्वश्रेष्ठ कला का निर्माण किया है, उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। पारंपरिक रेत की मूर्तियां सैंडकास्ट हैं, इस दिन आप कई तरह के मूर्तियां देख सकते हैं, जिन्हें आप पत्थर, कांस्य या लकड़ी में देखे होंगे। कुशल रेत कलाकार बहुत सुंदर और आंखों को भाने वाली मूर्तियां बनाते हैं।

इतिहास-

इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल साल 2015 में चंद्रभागा बीच पर कोणार्क डांस फेस्टिवल के हिस्से के रूप में शुरू हुआ। कोणार्क सूर्य मंदिर से निकटता के कारण, यहाँ दुनिया भर से लोग बड़ी में आते हैं। यहाँ कई सुंदर सुंदर रेत से मूर्तियां बनाई जाती है। 

भारत में सैंड आर्ट फेस्टिवल?-

भारत में सैंड आर्ट फेस्टिवल का आयोजन ओडिशा पर्यटन विभाग द्वारा प्रसिद्ध चंद्रभागा बीच पर किया जाता है, जो कोणार्क से लगभग 3 किमी दूर स्थित है। रेत कला उत्सव हम में से उन लोगों के लिए एक इवेंट है, जो रेत की रचनाओं में प्यार पाते हैं। यह उन इवेंट्स में से एक है जो ओडिशा की संस्कृति और इसके व्यापक पर्यटन के अवसरों को उजागर करेगा। रेत त्यौहार दुनिया भर से कुशल रेत कारीगरों द्वारा बनाई गई रेत की मूर्तियों क दर्शाता है।