कंगना द्वारा बॉलीवुड को निशाने पर लेने से जया बच्चन इतनी आहत हुई कि इस मामले को सदन में उठा कर बोली, ‘जिस थाली में खाते उसी में छेद करते हैं लोग।’ लेकिन उसी थाली में जब D कंपनी का बोलबाला हो, ड्रग्स पार्टियां हो, न्यू कमर्स का शोषण हो, दिव्या भारती, जिया खान, दिशा सान्याल, गुलशन कुमार, सुशांत सिंह जैसे लोगों की आत्महत्या/हत्या कर दी जाए तब इनके मुँह से एक शब्द न फूटता।
मुंबई बम कांड के समय अवैध हथियारों के साथ संजय दत्त गिरफ्तार हुए हो या बाद में अमेरिका में गिरफ्तार रिचर्ड हेडली की गवाही पर महेश भट्ट के लड़के राहुल भट्ट को गिरफ्तार किया गया हो। या वन्य जीव कानूनों का उल्लंघन किया हो या सड़क पर सोते मजदूर पर गाड़ी चढ़ा दी हो या खुद इनकी बहू से सलमान खान अभद्रता करता तब इन्हें इस थाली में जो कूड़ा करकट बढ़ता जा रहा वो न दिखता।
जब इसी बॉलीवुड से जुड़े आमिर की पत्नी, नसीरुद्दीन जैसे लोग देश को सुरक्षित नही बताते, अनुराग कश्यप , स्वरा भास्कर, हार्डी कौर जैसे लोग PM को गरियाते रहते, विशाल डडलानी जैन मुनि का अपमान करते, दीपिका पादुकोण देश के टुकड़े करने वालों के साथ JNU में जाकर खड़ी होती , शाहरुख खान स्टेडियम के गार्ड से बदतमीजी करते, कितने एक्टर और एक्टर्स ड्रिंक एंड ड्राइव में या देर रात तेज आवाज में म्यूजिक चलाने पर पुलिस स्टेशन के चक्कर काट चुके तब ये कभी कुछ न बोली।
बाकी सदी के महानायक तो रोज भर भर कर सुन ही रहें हैं आजकल। आप क्यो पीछे रहो। लोगबाग आज आपको भी इतने डबल स्टेंडर्ड पर सुनाएंगे ही।
सुधांशु टाक