लॉकडाउन में गई नौकरी तो बेचने लगे चाय, अब हर महीने कमाते हैं 40 हज़ार रूपये

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कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। इसी से बचने के लिए बहुत से देशों ने लॉकडाउन लगाया था। लेकिन इससे पूरी दुनिया की इकॉनमी पर बहुत बुरा असर हुआ है। जिसमें हमारा देश भी शामिल है। देश में इसी वजह से बहुत से लोगों की नौकरी भी चली गई थी। जिससे बहुत से लोग हार मानकर अपनी ज़िंदगी को कोसने लगे, वहीं ऐसे भी कई लोग हैं जो इसे बस बुरा समय समझकर आगे बढ़ते गए। आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी इकोनॉमी को ठीक करने के लिए एक अनोखा काम शुरू किया है। 

यह कहानी महेंद्र वर्मा (करीब 40 साल) की है, जो दिल्ली के टीकरी बॉर्डर इलाके में साइकिल पर चाय कॉफी बेचते हैं। महेंद्र बताते हैं कि पहले उन्हें 10-11 घंटे की नौकरी के बाद 12 हज़ार रुपय पगार मिला करता था। लेकिन लॉकडाउन में 2-3 महीने उन्हें घर बैठना पड़ा था, जिसकी वजह से उन्हें काफी समस्या का समाना करना पड़ा था। साथ ही पैसों की भी परेशानी होने लगी थी। पैसों की समस्या खत्म करने के लिए महेंद्र ने चाय बेचना शुरू किया। 

महेंद्र के लिए यह काम शुरू करना आसान नहीं था। क्योंकि शुरुआत में उनके पास इस काम को शुरू करने के लिए पूंजी नहीं थी। इसलिए वह पहले के एक महीने पैदल घूम-घूमकर बस एक थर्मस में चाय बेचा करते थे। जिसके बाद अब वह साइकिल से चाय बेचते हैं। महेंद्र बताते हैं कि उन्होंने साइकिल पर एक कोल्ड-ड्रिंक का ट्रे बांधा और उस पर चाय बेचना शुरू कर दिया। जिससे अब उनकी कमाई हर महीने करीब 40 हज़ार रुपये तक पहुंच गई है। 

महेंद्र के पास अब कई थर्मस हैं और उनमें वो कई तरह की चाय-कॉफी बेचते हैं। महेंद्र एक कप लेमन टी सिर्फ 5 रुपए में बेचते हैं। उनकी लेमन टी बेहद ही टेस्टी होती है, जो किसी के पास नहीं मिलती। साथ ही वह 5 रुपए में मसाला टी और 10 रुपए में कॉफी बेचते हैं। उनका मानना है कि कम दाम पर अधिक सेल करो, तो मुनाफा बहुत ज़्यादा होता है।

शुरूआती दिनों में आई बहुत सी दिक्कतें-
महेंद्र अपनी शुरूआती दिनों के बारे में बताते हैं कि उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लेकिन जैसे-जैसे ठंड बढ़ती गई, उनका काम बढ़ता गया। वहीं महेंद्र ने अपनी इस कमाई से 50 हज़ार का कर्ज भी चूका दिया है। महेंद्र कहते हैं कि वह अपने इस काम को और बढ़ाने का सोच रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने पांच और लोगों को चाय बेचने की ट्रेनिंग दी, लेकिन किसी ने इस काम को नहीं किया, क्यूंकि यह बहुत चैलेंजिंग काम है। इसमें बहुत मेहनत लगती है। 

महेंद्र की अब पुरानी साइकिल अब एक चलती-फिरती दुकान बन गई है, जिससे लोगों को चाय और कॉफी मिलती है। इस काम को लेकर महेंद्र कहते हैं कि “लोगों को लगता है कि मैं चाय बेच रहा हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं वर्ल्ड क्लास बिज़नेस कर रहा हूं।”

घर वालों ने किया विरोध-
महेंद्र ने अपने इस काम के बारे में जब घर वालों को बताया तो शुरू में इसका बहुत विरोध हुआ। महेंद्र तीन बच्चों के पिता हैं, उनकी बड़ी लड़की कॉस्मेटिक सेक्टर में काम कर रही है। उसे ही एक कंपनी में भर्ती कराने के लिए महेंद्र ने पचास हज़ार रुपए का कर्ज लिया था। पत्नी घर में ही सिलाई का काम करती हैं। चाय बेचने के काम को लेकर शुरू में महेंद्र के बच्चों को लगा था कि पापा चाय कॉफी बेचने का काम करेंगे। पत्नी को भी ऐतराज किया था और कहा था कि लोग हसेंगे। लेकिन अब उनके इस काम से पत्नी और बच्चे से खुश हैं। 

मलेशियाई कंपनी के लिए नेटवर्क मार्केटिंग-
महेंद्र चाय बेचने के अलावा मलेशियाई कंपनी के लिए नेटवर्क मार्केटिंग भी करते हैं। इस काम को करके वह हर महीने सात से आठ हज़ार रुपये कमा लेते हैं। यह उनकी अतिरिक्त कमाई है। इस काम के बारे में महेंद्र बताते हैं, नेटवर्किंग का काम रिस्की होता है और कई बार इसमें लगाया गया पैसा फंस भी जाता है। लेकिन, उन्हें इससे अच्छा रिटर्न मिल रहा है।