जानवरों को जीवन दान देता है ‘वाटर फॉर वॉयसलेस’ समूह

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सड़क पर फिरते जानवर कही से भी कुछ भी खा लेते हैं और कही का भी पानी पीते हैं. जिससे वह बीमार भी हो जाते हैं. लेकिन कुछ जगह कई लोग ऐसे भी हैं जो गाय, बिल्ली, कुत्ते और पक्षियों के लिए घर के बाहर पानी भरकर या छोटा टैंक बनवाकर उन्हें साफ़ पानी देते हैं. ऐसे ही एक है सनी जैन. सनी ने जानवरों के लिए हर जगह पानी के एक साधारण कटोरे को रखने का आह्वान किया। उन्होंने व्हाट्सएप पर ‘वाटर फॉर वॉयसलेस’ नाम से एक समूह बनाया और  बेंगलुरू से लगभग 70 किलोमीटर दूर तुमकुर और उसके आसपास पशु प्रेमियों को पानी के नि:शुल्क कटोरे वितरित करना शुरू किया. 

सनी ने बताया था कि “पाँच साल पहले मैंने एक पिल्ले को मरते देखा था जो उनके लिए बहुत दुखद घटना थी. वह पशु प्रेमी नहीं है, लेकिन उनकी सेवा करना उन्हें पसंद हैं.” शुरुआत में समूह ने वितरण प्रणाली को सही करने के लिए बेंगलुरु पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके बाद अब इसका विस्तार मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोयम्बटूर, होसुर और बेल्लारी तक हो गया हैं. सीमेंट के कटोरे दो आकारों में आते हैं- बड़े वाले जानवरों के लिए हैं और पक्षियों के लिए छोटे वाले. अपने घरों के बाहर रखने में दिलचस्पी रखने वाले लोग उन्हें अपने निकटतम स्वयंसेवकों से ले सकते हैं.

इस समूह ने अब तक देश भर में 17,000 से अधिक कटोरे वितरित किए हैं. सनी जैन की इस पहल की स्थानीय हस्तियों, राजनेताओं और पुलिस विभागों ने सराहना की है साथ ही साथ पहल ने दान भी आकर्षित किया है. सनी ने बताया, “मैं हमेशा भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मैं अपनी जेब इतनी भर दूं कि मैं धरती पर मौजूद हर जानवर और पक्षी की मदद कर सकूं.” अपने शुरुआती दिनों में पहल पूरी तरह से सनी द्वारा वित्त पोषित थी. अब, लोग समूह के फ़ेसबुक पेज पर या उसके किसी व्हाट्सएप ग्रुप पर दान कर सकते हैं. ‘वाटर फॉर वॉयसलेस’ कटोरे बेंगलुरु के विभिन्न हिस्सों में रखे गए हैं. 

एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल, एक सौ से अधिक हाथियों, हिरणों और तेंदुओं ने उत्तर प्रदेश से नेपाल के जंगलों में पलायन कर दिया था, क्योंकि इस क्षेत्र में भीषण सूखा पड़ा था. जिसे बाद सनी ने अपने अगले लक्ष्य का निर्धारण किया जिसमें जंगलों में और जानवरों के भंडार में पानी के कटोरे रखना है. अब सनी वन विभाग की मदद से वन रेंजों सहित पूरे भारत में ‘वाटर फॉर वॉयसलेस’ की दृष्टि मुफ्त पानी के बर्तन उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहे हैं. वन अधिकारियों से वाटर फॉर वॉयसलेस समूह ने पहले ही मुलाकात कर कर टुमकुर और कृष्णगिरि में जंगलों में कटोरे रख दिए हैं, लेकिन अधिक जानवरों की सेवा के लिए उन्हें अपनी पहुंच बढ़ाने की जरुरत हैं.