युवा वैज्ञानिक का अद्भुत आविष्कार, सेना के लिए बनाया इंटेलिजेंस जूता

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भारतीय सेना को आये दिन कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। दुश्मनों से अपने देश की रक्षा करना, उन्हें हमारे वतन में घुसने, घुसपैठियों को देश से बहार निकाल फेंकना ये सब काम उनके लिए आसन नहीं होता है। वहीं सरकार आए दिन भारतीय सेना के लिए नए नए नियम और अविष्कारों को उनकी मदद के लिए बनाती है। ऐसे में एक युवा वैज्ञानिक ने ऐसा यंत्र बनाया है, जो सेना के दो काम में आएगा। 

बनारस के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने एक ऐसा जूता तैयार किया है, जो सैनिकों के बहुत काम का है। इस जूते की मदद से सैनिक आसानी से घुसपैठियों का पता कर पाएंगे। यह जूता 20 किलोमीटर की दूरी तक किसी दुश्मन की आहट को महसूस करता है और घुसपैठ को रोक सकेगा। यह एक तरह का इंटेलिजेंस जूता है, जो गोलियां चलाने में भी सक्षम है। इसका इस्तेमाल दुश्मनों को हमारे वतन में आने से रोकेगा। वहीं वाराणसी के युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया महिलाओं और सेना के लिए कई नए-नए इनोवेशन पहले भी कर चुके हैं। 

श्याम चौरसिया ने आईएएनएस (INS) से बातचीत में बताया कि, कभी-कभी देश को नुकसान पहुँचाने के मकसद से घुसपैठिये चुपचाप बार्डर में घुसने का प्रयास करते हैं। उन्हें रोकने के लिए श्याम ने यह इंटेलिजेंस जूता बनाया है। यह जूता बार्डर पर घुसपैठ की घटना होते ही सैनिकों को सचेत कर देगा। इस जूते में एक विशेष प्रकार का सेंसर लगाया गया है, जो  20 किमी दूर होने वाले आहट को महसूस करके जवानों को बाइब्रेट और आलर्म के माध्यम से अलर्ट करेगा। 

जूते की खासियत:-

 अलार्म देकर जवान को करेगा सचेत-
अगर कभी भी बॉर्डर पर कुछ भी हलचल महसूस होगी तो यह इंटेलिजेंस जूता जवानों को सचेत कर देगा। इसमें लगा सेंसर आलर्म बजाकर जवान को सूचित करेगा, जिससे जवान तुरंत दुश्मनों को रोकने में कामयाब हो सकेंगे। 

जूते में लगे हैं 2 फोल्डिंग 9 एमएम के गन बैरल-
इस जूते में अपातकाल को देखते हुए 2 फोल्डिंग 9 एमएम के गन बैरल लगाए गए हैं, जो फायर भी कर सकते हैं। इससे सैनिक देश के साथ-साथ खुद की भी रक्षा करने में सक्षम होंगे। यह जूते रेडियो फ्रिक्वेंसी और मोबाइल नेटवर्क पर भी काम करते हैं। इसका वजन महज 650 ग्राम है और इसे रबड़ और स्टील की प्लेट को मिलाकर बनाया गया है। यह जूता आगे और पीछे दोनों तरफ रिमोर्ट के माध्यम से फायर करने में सक्षम है। 

लगा है हीटर-
यह शानदार जूता जवानों को ठंड से बचाने में भी सक्षम है। इसमें एक विशेष तरह का हीटर लगा हुआ है, जो पैरों को ठंड से बचाएगा और उन्हें गर्म रखेगा। वहीं इसमें सोलर चर्जिग सिस्टम भी लगा है। इसमें स्टील की चादर, एलईडी लाइट, सोलर प्लेट रेडियो सर्किट, स्विच इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर के अलावा वाइब्रेशन मोटर का भी इस्तेमाल हुआ है।

बॉर्डर पर रखा जाएगा सेंसर-
इस जूते का लेज़र सेंसर और ह्यूमन सेंसर बॉर्डर पर रखा जाएगा, फिर जैसे ही बॉर्डर पर कोई हरकत होती है और यह जूतों के रेंज में आता है, वैसे ही यह एक्टिव होकर जवानों को वाइब्रेशन और अलार्म के माध्यम से सावधान कर देगा।