प्राणियों के प्रति प्रेम और जागरूक करता विश्व पशु कल्याण दिवस

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विश्व पशु कल्याण दिवस हर साल 4 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन असीसी के सेंट फ्रांसिस का जन्मदिन रहता है, जो जानवरों के महान संरक्षक थे। इस दिन प्राणियों की रक्षा और उनके कल्याण के बारे में बताया जाता है और लोगों को जागरूक किया जाता है। इस दिन मानव के साथ प्राणियों के संबंध को भी मजबूत करने की कोशिश की जाती है। इस दिन कई समारोह का आयोजन भी किया जाता है। 

विश्व पशु कल्याण दिवस की शुरुआत-
विश्व पशु कल्याण दिवस मनाने की शुरुआत 1931 ईस्वी में परिस्थिति विज्ञानशास्त्रियों के सम्मलेन में इटली के शहर फ्लोरेंस में की गयी थी। संयुक्त राष्ट्र ने “पशु कल्याण पर एक सार्वभौम घोषणा” के नियम एवं निर्देशों के अधीन अनेक अभियानों की शुरुआत की। नैतिकता की दृष्टि से, संयुक्त राष्ट्र ने अपने सार्वभौम घोषणा में पशुओं के दर्द और पीड़ा के सन्दर्भ में उन्हें संवेदनशील प्राणी के रूप में पहचान देने की बात की। 

विश्व पशु कल्याण दिवस का उद्देश्य-
विश्व पशु कल्याण दिवस का मूल उद्देश्य पशु कल्याण मानकों में सुधार करना है और उनके प्रति अपने प्रेम को प्रकट करना हैं। पशु कल्याण के लिए व्यक्तियों, समूह, और संगठनों का समर्थन  प्राप्त करना भी इस दिन का उद्देश्य होता है। इसी के साथ जानवरों का जीवन सक्षम और बेहतर बनाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। इसके लिए लोगों में जानवरों के प्रति प्रेम की भावना उत्पन कराना और उन्हें जागरूक करना अति आवश्यक है। इन्हीं सब कारणों की वजह से यह दिवस “पशु प्रेमी दिवस” के रूप में भी जाना जाता है। 

विश्व पशु कल्याण दिवस समारोह-
‘विश्व पशु कल्याण दिवस’ एक महत्वपूर्ण दिवस है। यह दिन हमे बहुत सी चीज़ों की याद दिलाता है, जिसमें पशुओं ने हमारे जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करने में अहम भूमिका निभाई हैं। इस दिन कई समारोह का आयोजन किया जाता है। जैसे विश्व पशु कल्याण अभियान, पशुओं के लिए बचाव आश्रयों का उद्घाटन, और फंड जुटाने से सम्बंधित कार्यक्रमों का आयोजन इत्यादि। इसके अलावा स्कूल और कॉलेजों में भी वन्य जीवों से जुडी ढेर सारी जानकारियों को टीवी और कंप्यूटर के माध्यम से दर्शया जाता है। साथ ही कई संगठनों के द्वारा जानवरों के लिए आश्रय के निर्माण का कार्यक्रम भी प्रायोजित किया जाता है। 

पशु कल्याण के लिए कानून-

  • भारत में, जानवरों की सुरक्षा के लिए “पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1966” रखा गया था।  
  • अनुच्छेद 51A (g) में कहा गया है कि हर भारतीय नागरिक का मूल कर्तव्य है कि वो किसी भी जीवित प्राणी के लिए करुणा का भाव दिखे।
  • आईपीसी धारा 428 और 429 के तहत किसी भी जानवर या भटकने वाले जानवर का मारना कानूनी और दंडनीय अपराध है।
  • धारा 11 (1) (i) और धारा 11 (1) (जे), PCA Act 1960 के तहत अगर किसी जानवर को किसी भी कारण से छोड़ देते हैं तो उसके लिए तीन महीने की सजा हो सकती है।
  • इसी के साथ किसी भी जानवर (मुर्गियों सहित) को खुली जगह पर मारा नहीं जा सकता है, इसके लिए स्लाटर हाउस का इस्तेमाल किया जाता है। बीमार या गर्भवती जानवरों को कत्ल नहीं कर सकते हैं। ये नियम 3,Prevention of Cruelty to Animals Rules,  Food Safety and Standards Regulations (वधशाला) नियम, 2001 और अध्याय 4 के तहत आता है। ऐसे और भी कई कानून हैं, जो हमारे देश के जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए बनाएं गए हैं।