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बुलढाना. चिखली निवासी 9 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म किये जाने के प्रकरण में शामिल दो आरोपियों को न्यायालय ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई.  पोस्को कानून के तहत फांसी की सजा सुनाए जाने का यह प्रथम निर्णय बुलढाना के जिला विशेष न्यायालय ने दिया है. आरोपियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद बालिका को सही मायने में न्याय मिला है. आरोपी को फांसी की सजा का निर्णय सुनते ही चिखली में आतिशबाजी की गई.

प्राप्त विवरण के अनुसार चिखली में नाबालिग के साथ दुष्कर्म किए जाने के बाद उसे जख्मी किए जाने की घटना 27 अप्रैल 2019 को घटी थी. इस प्रकरण की ओर जिले के नागरिकों का ध्यान लगा हुआ था. प्रकरण में शामिल दो आरोपियों को जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने विविध धाराओं के तहत दोषी पाकर फांसी की सजा सुनाई है. आरोपियों के नाम सागर बोरकर और निखिल गोलाईत है. इस प्रकरण में सरकार की ओर से एड.वी.एल. भटकर और एड.सोनाली सावजी ने न्यायालयीन कामकाज किया. 

पीड़ित बालिका को मिला न्याय -विधायक  महाले
दुष्कर्म प्रकरण में दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई. इस ऐतिहासिक निर्णय का विधायक श्वेता महाले ने स्वागत किया है. सन 2019 के अप्रैल माह में 9 वर्षीय बालिका को नींद से उठाकर दो आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. इसके विरोध में चिखली पुलिस ने गंभीरता पूर्वक जांच करते हुए न्यायालय में मामला दर्ज किया और आरोपियों के खिलाफ कई सबूत जमा किए. जिससे विशेष जिला व सत्र न्यायाधीश चित्रा हंकारे ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा देने का निर्णय सुनाया. यह सजा पोस्को कानून के अंतर्गत पहली बार सुनाई गई है. 

पीड़ित बालिका के माता, पिता गरीब है और मां मतिमंद है. फिर भी चिखली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पोस्को अंतर्गत मामला दर्ज कर आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी. एक बालिका पर अत्याचार के खिलाफ पुलिस ही बालिका के माता, पिता बने थे. इन शब्दों में विधायक श्वेता महाले ने पुलिस विभाग की सराहना की.