Representational Pic
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    संग्रामपुर. कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार ने गांव गांव में स्कूल के कमरों में अलगीकरण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए थे. तदअनुसार संग्रामपुर तहसील के मारोड गांव में अलगीकरण कक्ष की साफ सफाई एक 8 से 10 वर्षीय छात्र से करवाने का प्रकार सामने आया हैं. यह गंभीर प्रकार पंचायत समिति प्रशासन व्दारा हुआ हैं. कोरोना की पृष्ठभूमि पर गांव के कोरोना संग्दिध मरीजों को अलगीकरण कक्ष में रखा जाता हैं.

    28 मई को संग्रामपुर तहसील में कोरोना की पृष्ठभूमि पर जिलाधिकारी रामामूर्ति का दौरा होने से तहसील के पंचायत समिति प्रशासन ने तहसील के जिस गांव में अलगीकरण कक्ष स्थापित किए गए हैं. उस गांव में बीडीओ ने कक्ष की साफ सफाई करने के आदेश दिए थे.

    जिससे ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच, कर्मचारी प्रशासन ने गडबडी में साफ सफाई की लेकिन तहसील के मारोड की प्राथमिक स्कूल के अलगीकरण कक्ष में बडे पैमाने पर गंदगी होने से बीडीओ के आदेशानुसार ग्राम पंचायत स्तर पर अलगीकरण कक्ष के शौच की साफ सफाई करने के लिए एक आठ साल के छात्र से शौच साफ करवा लिया.

    इस पूरे प्रकार का वीडियो तहसील के सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो में बालक शौच साफ करते नजर आ रहा हैं. इस घटना की जानकारी बीडीओ संजय पाटिल को मिलने पर भी इस बारे में उन्हें पूछने पर कोई सही जवाब उन्होंने नहीं दिया. उसी तरह सरपंच को पूछने पर उन्होंने इस संदर्भ में जानकारी न होने की बात कही. इस प्रकार कारण नागरिकों व्दारा तीव्र नाराजी व्यक्त की जा रही हैं.

    इस संदर्भ में मुझे कोई जानकारी नहीं है.-संजय पाटिल, बीडीओ, पं.स. संग्रामपुर

    सरकार कोरोना पर नियंत्रण पालने के लिए करोड़ों रू. खर्च कर रही हैं, लेकिन संग्रामपुर तहसील में बालक के जान से खिलवाड़, उससे शौचालय साफ करवाकर लेना बहुत गंभीर बात हैं. बीडीओ सहित सभी की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करें, अन्यथा लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन किया जाएगा.-भाऊ भोजने, सामाजिक कार्यकर्ता