निधि के अभाव में पोषण आहार का अध्यापकों पर बोझ

मेहकर. आकालग्रस्त गांवों की शालाओं में विद्यार्थियों को दिया जाने वाला पूरक पोषण आहार अनुदान की रकम पिछले 4 माह से संबंधित शालाओं को उपलब्ध नहीं कराई गई है. किंतु उक्त योजना का खर्च शाला के

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मेहकर. आकालग्रस्त गांवों की शालाओं में विद्यार्थियों को दिया जाने वाला पूरक पोषण आहार अनुदान की रकम पिछले 4 माह से संबंधित शालाओं को उपलब्ध नहीं कराई गई है. किंतु उक्त योजना का खर्च शाला के मुख्याध्यापक ने स्वयं की जेब से किया है. उक्त योजना के अंतर्गत तहसील के 31 हजार विद्यार्थियों के 24 लाख रूपये सरकार की तिजोरी में अटकने के कारण मुख्याध्यापकों को पूरक आहार का खर्च उठाना पड़ रहा है.

प्रति विद्यार्थी रु. 5 अनुदान

सरकार द्वारा घोषित किए गए आकालग्रस्त गांवों की शालाओं में कक्षा 1 से 8वीं के विद्यार्थियों को गर्मियों की छुट्टी में शालेय पोषण आहार दिए जाने का निर्णय लिया गया है. मात्र छुट्टी में विद्यार्थी शालाओं में उपस्थित नहीं रहते जिसके कारण गर्मियों की छुट्टियों की बजाए शाला शुरू होने पर सप्ताह के 3 दिन विद्यार्थियों को पोषण आहार दिया जाए, ऐसा सरल मार्ग निकाला गया था. इसी के चलते अकालग्रस्त गांवों की शालाओं में कक्षा 1 से 8वीं के विद्यार्थियों को सप्ताह के तीन दिन दूध, फल व अंडे आदि पूरक आहार दिया जाता है. इसलिए प्रति दिवस प्रति विद्यार्थी 5 रूपये अनुदान अनुज्ञेय है. तहसील के 150 से अधिक गांव की शालाओं में उक्त योजना चलाई गई किंतु सितंबर 2019 से पूरक पोषण आहार का निधि शालाओं को प्राप्त नहीं होने से 1 अक्टूबर से शालाओं में पूरकपोषण आहार बंद करना पड़ा. पूरक आहार बंद होने के कारण विद्यार्थियों में आहार के संदर्भ में निराशा निर्माण हुई है.

31 अक्टूबर 2019 तक पूरक पोषण आहार अकालग्रस्त क्षेत्रों के विद्यार्थियों को वितरित करना बंधनकारक होने के बाद अगस्त माह में निधि खत्म होने के कारण मुख्याध्यापकों ने स्वयं के खर्च से सितंबर माह तक पूरक पोषण आहार का लाभ विद्यार्थियो को दिया. किंतु अनुदान की रकम समय पर न मिलने के कारण पूरक पोषण आहार विद्यार्थियों को देना बंद किया गया. 4 माह से अधिक समय बीतने के पश्चात भी योजना का अनुदान शालाओं को प्राप्त नहीं हुआ. नियमित शालेय पोषण आहार योजना का इंधन व सब्जी आदि के अनुदान में भी अनियमितता होने के कारण संपूर्ण योजना का खर्च मुख्याध्यापकों की जेब से किए जाने की बात संबंधित शालाओं के मुख्याध्यापकों ने व्यक्त की. उक्त योजना का निधी शासन द्वारा जिला परिषद स्तर पर उपलब्ध कर दिया जाता है. मात्र उक्त निधि अब तक शालाओं के खातों में जमा नहीं किया गया. जिसके कारण अकालग्रस्त शालाओं के मुख्याध्यापकों को उक्त अनुदान जमा होने की प्रतिक्षा है.

पंस ने की सरकार से मांग

आकालग्रस्त शालाओं को पोषण आहार का निधी तत्काल जमा करें सर्दी का मौसम होने के कारण इन दिनों शालेय विद्यार्थियों को पूरक पोषण आहार की सख्त जरूरत है. इसीलिए सरकार द्वारा पूरक पोषण आहार योजना की निधि तत्काल वितरित करने की मांग पंचायत समिति सभापति निंबाजी पांडव ने की.