आश्वासन के बाद चरवाहों ने समाप्त किया अनशन

बुलडाणा. गैरकानूनी तरीके से चरवाहों से रंगदारी मांगने वालों पर कार्रवाई के मुद्दे पर चल रहे अनशन का आश्वासन के बाद समापन किया गया. उपवनसंरक्षक कार्यालय के समक्ष पिछले छह दिनों से यह अनशन चल रहा

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बुलडाणा. गैरकानूनी तरीके से चरवाहों से रंगदारी मांगने वालों पर कार्रवाई के मुद्दे पर चल रहे अनशन का आश्वासन के बाद समापन किया गया. उपवनसंरक्षक कार्यालय के समक्ष पिछले छह दिनों से यह अनशन चल रहा था.

ज्ञात रहें कि, सुनगांव के पश्चिम में ई-क्लास की जमीन है. इस जमीन पर परिसर में रहने वाले चरवाहे अपने भेड-बकरियों को चराते है, जिससे वनसंपदा को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता. लेकिन कुछ दिन पहले गांव के कुछ दबंग लोगों ने चरवाहों को यहां बकरियां चराने से मना कर दिया. इन दबंग लोगों को वन विभाग के कर्मचारी भी सहायता करते है, ऐसा अनशनकर्ताओं का आरोप था.

2 लाख 21 हजार का ठोंका था जुर्माना
चरवाहों पर कार्रवाई करने के लिए वन कर्मचारियों ने कुछ दिन पहले •भेड़ों को जब्त कर उनपर 2 लाख 21 हजार का जुर्माना ठोंका था. यह जुर्माना रद्द करने के लिए वन कर्मचारी रंगदारी की मांग कर रहे थे. इससे तंग आकर राजाराम कोकरे, कृष्णा कोकाटे, महादेव कोकाटे, शिवा डोमाले, रामकृष्ण धुलाघुले, बालकृष्ण खरात, मल्हारी डोमाले इन चरवाहों व्दारा स्थानीय उपवनसंरक्षक कार्यालय के समक्ष अनशन शुरू किया गया. छह दिनों तक चले इस अनशन का अधिकारियों के आश्वासन के बाद समापन किया गया.

अनशन के समापन के समय जय मल्हार सेना के महासचिव रंजना बोरसे, युवा जिलाध्यक्ष नंदू लवंगे, शिवलाल बोंद्रे, भाऊराव खरात, गंगाराम कोकरे, नीना बोरसे, नाना कोकरे, मोहन डोमाले, बन्सी कोकरे, दादाराव डोमाले, राजाराम डोमाले, विठ्ठल कोकरे, गाजनन घुले, बालकृष्ण घुले, शंकर वसतकार आदि उपस्थित थे.