किसान महिला ने की आत्महत्या

बुलढाना. प्रतिवर्ष होने फसलों का नुकसान तथा कर्ज के बोझ के चलते चिखली तहसील के धोत्रा भणगोजी में एक महिला किसान ने जलती चिता में खुद को समाकर अपनी जीवनयात्रा खत्म की. इस घटना से पूरे जिले में सनसनी

Loading

बुलढाना. प्रतिवर्ष होने फसलों का नुकसान तथा कर्ज के बोझ के चलते चिखली तहसील के धोत्रा भणगोजी में एक महिला किसान ने जलती चिता में खुद को समाकर अपनी जीवनयात्रा खत्म की. इस घटना से पूरे जिले में सनसनी फैल गयी है. प्रशासन ने भी महिला किसान व्दारा कर्ज के बोझ से आत्महत्या करने के बात की पुष्टि की है. चिखली तहसील के धोत्रा भणगोजी में रहनेवाली आशा दिलीप इंगले (उम्र 55) अपनी साढ़े तीन एकड़ की खेती से परिवार का गुजारा चलाती थी. आशा के पति दिलीप इंगले की 2008 में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी. तब से आशा दो बेटे और एक बेटी को लेकर अपना जीवनयापन कर रही थी. उनके दोनों बेटे मजदूरी करते हैं, तथा बेटी की शादी हो चुकी है.

80,000 का था कर्ज
आशा इंगले पर जिला सहकारी बैंक का 80,000 का कर्ज है. पिछले कई वर्षों से प्रतिवर्ष फसलों का नुकसान होने से उनपर कर्ज बढ़ता ही जा रहा था. इस बार भी सूखे के हालात में केवल 10 क्विंटल सोयाबीन की फसल ही उनके हाथ लगी थी. इतने उत्पाद में घर कैसे चलाएं और कर्ज कैसे चुकाएं, इस विवंचना में वह पिछले कुछ दिनों परेशान थी.

आशा ने 14 नवम्बर को रात 12 बजे के बाद घर के समीप स्थित गोशाला में जलती चिता में अपने आप को झोंक दिया. गोशाला में लगी आग की जानकारी मिलते ही आसपड़ोस के लोग नींद से जागे और वे मौके पर पहुंचे. लेकिन तब तक आशा का शरीर जल चुका था. इस घटना से पूरा गांव सकते में है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचे. पोस्टमार्टम करने के बाद आशा इंगले पर अंतिम संस्कार किया गया. प्रशासन ने भी आशा इंगले व्दारा कर्ज की तंगी से आत्महत्या करने की बात मानी है. यह घटना जिले में सूखे के गंभीर हालात तथा इन हालातों में पिसे जा रहे किसानों की भयावह स्थिति को और उजागर करती है.