ज्ञानगंगा अभयारण्य में  बुद्ध पूर्णिमा को होगी प्राणी गणना

बुलढाना. जिले के ज्ञानगंगा अभयारण्य में हर साल बुद्ध पूर्णिमा की रात जंगल में प्राणियों की गणना की जाती है. पिछले साल से यह गणना बंद कर दी है. लेकिन इस वर्ष यह गणना वन्यजीव प्रेमी ही करने वाले है

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बुलढाना. जिले के ज्ञानगंगा अभयारण्य में हर साल बुद्ध पूर्णिमा की रात जंगल में प्राणियों की गणना की जाती है. पिछले साल से यह गणना बंद कर दी है. लेकिन इस वर्ष यह गणना वन्यजीव प्रेमी ही करने वाले है जिसके लिए पंजीयन किया जा रहा है. यह गणना शनिवार की रात की जाएगी. इस गणना के लिए अभयारण्यमें जगह-जगह 30 मचानों का निर्माण किया गया है.

हर साल बुद्ध पूर्णिमा की रात अभयारण्य में वन्यजीव प्रेमी वन्यतीव को देखने के लिए जाते है. पिछले साल मेलघाट छोड़ सरकार ने अन्य जगहों की प्राणी गणना बंद कर दी है. बुलढाणा में यह गणना बंद होने के बावजूद वन्यजीव प्रेमियों को इन जंगली पशुओं को देखने के लिए अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है.

वन्यप्रेमियों के लिए वनविभाग ने उपलब्ध कराई सुविधा
वन्यजीवों को देखने के लिए पहुंचने वाले वन्यप्रेमियों द्वारा ही इस बार गणना की जाएगी. वन्यप्रेमियों को वनविभाग की ओर से एक पत्र दिया जाएगा. जिसमें पशुओं की जानकारी उपलब्ध कराई गई है. वह पशु दिखाई देने पर वह व्यक्ति उसका पंजीकरण करेगा. पशुओं को देखने के लिए आनेवाले लोगों के लिए विविध प्रकार की सुविधा वनविभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई है. इस काम में वनपाल व वनमजदूर भी नागरिकों को मार्गदर्शन करेंगे. यह जानकारी वन्यजीव विभाग के वनपरिक्षेत्र अधिकारी मयूर सुरवसे ने दी.

विदित हो कि, ज्ञानगंगा अभयारण्य का इलाका 20,000 हेक्टेअर में फैला हुआ है. इस अभयारण्य का कुछ इलाका खामगांव व बुलढाणा वन्यजीव विभाग अंतर्गत आता है. प्राणी गणना को लेकर वनविभाग की ओर से जगह जगह पर कृत्रिम तालाब तैयार किए गए है. ज्ञानगंगा अभयारण्य में कई वन्यजीव है. जिसमें जंगली सुअर, हिरन, नीलगाय, सियार आदि का समावेश है. जिसमें मुख्य भालु व तेंदुए हैं.