नयी दिल्ली. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के बैंक समाधान की रूपरेखा में किया गया संशोधन क्रेडिट के लिहाज से सकारात्मक है, क्योंकि इससे जमाकर्ताओं के विश्वास को बनाये रखने में मदद मिलेगी। सरकार ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1948 में 26 जून को संशोधन किया।
इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को किसी कमजोर बैंक के समाधान के लिये उसके जमाकर्ताओं व ऋणदाताओं पर कोई रोक लगाये बिना, उसकी पूंजी पुनर्गठित कर या किसी अन्य बैंक में उसका विलय कर समाधान निकालने की सहूलियत मिल गयी है। मूडीज ने एक बयान में कहा, “संशोधित समाधान प्रक्रिया क्रेडिट के लिहाज से सकारात्मक है, क्योंकि यह जमाकर्ताओं के विश्वास को बनाये रखने और कमजोर बैंक से जमा राशि को डूबने से बचाने में मदद करेगी।