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नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि बांस भारत में पर्यावरणीय, औषधीय, कागज और निर्माण क्षेत्रों का मुख्य स्तंभ बन सकता है और कोविड-19 महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था के घटकों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।

पूर्वोत्तजर क्षेत्र विकास मंत्रालय की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने बेंत और बांस प्रौद्योगिकी केंद्र (सीबीटीसी) से आग्रह किया कि वह बांस क्षेत्र के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना करने की संभावनाओं को खंगालें ताकि इस क्षेत्र का पूर्ण दोहन किया जा सके तथा भारत और विदेशों में इसकी पैकेजिंग, ब्रांडिंग और विपणन हो सके।

उन्होंने कहा कि बांस भारत में पारिस्थितिकीय, औषधीय, कागज और निर्माण क्षेत्रों का मुख्य स्तंभ हो सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने कहा कि सीबीटीसी, राष्ट्रीय बांस मिशन के समन्वय में, पूर्वोत्तर क्षेत्र में बांस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगा। उन्होंने कहा कि कौशल केंद्र नए स्टार्ट-अप के साथ बांस उद्योग को बढ़ावा देंगे और आजीविका के अवसरों को भी बढ़ाएंगे।

सिंह ने कहा कि बांस क्षेत्र, कोविड-19 के बाद की भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण घटकों में से एक होगा तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होगा। (एजेंसी)