धन बड़ा या देश?
मुंबई. भारत के शीर्ष क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के चाइनीज निवेश वाली कंपनी पेटीएम फर्स्ट गेम्स के ब्रांड एम्बेसडर बनने पर व्यापारी महासंघ भड़क गया है. देश भर में चाइनीज वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चला रहे कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि वर्तमान असाधारण परिस्थितियों में जब चीन के साथ भारत का एक तरह से शीत युद्ध चल रहा है, ऐसे में सचिन का किसी भी बड़े चीनी निवेश वाली कंपनी का ब्रांड एम्बेसेडर बनना साफ तौर पर उनकी ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की लालसा को दर्शाता है. ‘कैट’ ने सचिन तेंदुलकर की इस मामले में कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनको देश को यह जवाब देना चाहिए कि धन बड़ा या देश बड़ा? वहीं उनके इस फैसले से ना केवल देश भर के व्यापारी बल्कि प्रशंसक भी बेहद नाराज हैं. पेटीएम में चाइना का 37% निवेश है.
बदले फैसला, नहीं तो होंगे प्रदर्शन
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हमने इस सम्बंध में सचिन तेंदुलकर को पत्र भेजकर अपना फैसला बदलने का आग्रह किया है. हम रविवार तक उनके जवाब का इंतजार करेंगे अन्यथा अगले सप्ताह देश भर में इस मुद्दे पर सचिन के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन होंगे.
खंडेलवाल ने कहा कि एक तरफ देश में एक बड़ी चीनी कम्पनी भारत में जासूसी करती हुई पकड़ी जा रही है. देश में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री सहित लगभग 10 हजार प्रमुख लोगों पर चीनी कम्पनियां लगातार जासूसी नजर रख रही हैं, जो भारत के प्रति चीन के कुत्सित इरादों को स्पष्ट करता है. वहीं दूसरी ओर सचिन तेंदुलकर जो अपने आपको भारत का बेटा कहते हैं, उन्हें चाइनीज निवेश वाली कंपनी का ब्रांड एम्बेसडर बनने में कोई शर्म नहीं है. जिस देश के लोगों ने उन्हें सर आंखों पर बिठाया, सम्मान और धन दिया, वो सचिन अब देशवासियों के विश्वास का अपमान करते हुए चीनी कंपनी का ब्रांड एम्बेसडर बने हैं.
सचिन तेंदुलकर ने किया निराश
‘कैट’ के मुंबई महानगर अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि विज्ञापनों में आने वाली हस्तियां एक प्रकार से हमारे युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं. हमारे युवा इन कलाकारों को देखकर उनकी नकल करना चाहते हैं. उनके समान बनना चाहते हैं. इसलिए जो भी व्यक्ति सामाजिक जीवन से जुड़ा है. उसका व्यवहार उच्चतम मापदंड के अनुसार होना जरूरी है और यहां सचिन तेंदुलकर फेल हो गए हैं और देशवासियों को निराश किया है.