त्यौहारों पर नहीं बिकेंगी चाइनीज वस्तुएं

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चीन से तैयार माल का आयात अब नहीं

स्टॉक 15 जुलाई तक निपटाने की अपील

मुंबई. चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान -हमारा अभिमान’ के अंतर्गत एक कदम आगे बढ़ाते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश के व्यापारियों और लोगों को इस साल की दिवाली सहित सभी प्रमुख त्यौहार भारत में बनी वस्तुओं का उपयोग करके ही मनाने का आव्हान किया है. व्यापारिक महासंघ ने कहा है कि सभी भारतवासी इस वर्ष की दिवाली में किसी भी चीनी सामान का उपयोग न करने का संकल्प लें और ‘हिन्दुस्तानी दिवाली’ के रूप में मनाए. कैट ने यह भी कहा कि चीन और चीनी वस्तुओं के विरोध में देश के व्यापारी बेहद मजबूती से प्रधानमंत्री और देश की सेनाओं के साथ खड़े हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चीनी सामान अथवा चीनी कंपनियों के साथ अनुबंध किसी भी तरह देश के व्यापार को और अधिक प्रदूषित न करें. इस साल त्यौहारों पर देश भर में व्यापारी चाइनीज वस्तुएं नहीं बेचेंगे और जो मौजूदा स्टॉक है, उसे 15 जुलाई तक खत्म कर लें.

भारतीय वस्तुएं ही बेचेंगे व्यापारी

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि इस वर्ष की दिवाली पर अपने देश की मिट्टी से बने दीये और मिट्टी की मूर्तियां, सजावटी सामान, भारत में बने बिजली के बल्ब और झालर तथा अन्य भारतीय सामानों का ही उपयोग किया जाएगा. इसी तरह राखी और जन्माष्टमी एवं अन्य त्यौहार भी केवल भारतीय वस्तुओं का उपयोग कर भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही मनाए जाएंगे. हमने निर्णय लिया है कि त्यौहारों पर देश में कोई भी व्यापारी अपनी दुकानों पर किसी भी चीनी सामान की बिक्री नहीं करेगा. हमने सभी व्यापारियों से अब नए चाइनीज माल का आयात नहीं करने का अनुरोध किया है और यदि किसी व्यापारी के पास चीनी सामान का स्टॉक है तो उन्हें ऐसे स्टॉक को 15 जुलाई तक बेच देना चाहिए.

हमारा धन हमारे जवानों के खिलाफ उपयोग

संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हमारे भारतीय त्योहारों में पिछले कुछ वर्षों से चीनी सामानों की घुसपैठ अधिक हो गई थी. जिसे देश के व्यापक हित में रोका जाना बहुत जरूरी है. कोरोना वायरस के हमले के बाद अब चीन आक्रामक रूप से लद्दाख में भारतीय सीमाओं पर अपनी सेना तैनात कर रहा है और भारत को घेरने के लिए पड़ोसी देश नेपाल में अपना अड्डा बनाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में चीनी सामानों के बहिष्कार का अभियान ही चीन के लिए माकूल जवाब होगा. चीनी वस्तुओं की खरीद पर लोगों द्वारा खर्च किया हुआ धन चीन हमारी फौजों के खिलाफ करता है या फिर पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंकी गतिविधियों के संचालन में चीन पाकिस्तान की मदद करता है.

आर्थिक युद्ध के लिए तैयार व्यापारी

महासंघ ने केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों की सराहना की और देश में चीनी सामानों के प्रवेश देने पर प्रतिबन्ध लगाने अथवा चीनी कंपनियों को दिए गए विभिन्न अनुबंधों को फिलहाल स्थगित करने पर सरकार के निर्णयों को ठीक ठहराया है. कैट ने देश के 7 करोड़ व्यापारियों की ओर से सरकारों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का पूरी तरह से समर्थन किया है और कहा कि देश के सभी व्यापारी अपनी पूर्ण क्षमता के साथ भारतीय सेनाओं के साथ खड़े हैं. ‘कैट’ ने भारतीय सेनाओं को आश्वासन दिया है कि वे चीन को सीमाओं पर लड़ने के लिए तैयार रहें. जबकि देश के व्यापारी भारत के अंदर चीन के साथ आर्थिक युद्ध करने के लिए पूरे तौर पर तैयार हैं और विजय भारत की ही होगी.