शहद पर दावों को लेकर डाबर, मैरिको में विवाद, ASCI तक पहुंचा मामला

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नयी दिल्ली. दो प्रमुख घरेलू एफएमसीजी कंपनियों डाबर और मैरिको के बीच अपने-अपने शहर ब्रांड को लेकर किए गए दावों पर विवाद छिड़ गया है, और दोनों मामले को विज्ञापन नियामक एएससीआई के पास ले गई हैं। डाबर ने रविवार को कहा कि वह अपनी प्रतिस्पर्धी मैरिको के उस दावे के खिलाफ भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) में शिकायत दर्ज करा रही है, जिसमें कहा गया है कि उसका सफोला शहद का ब्रांड एनएमआर परीक्षण पर खरा उतरा है।

नोएडा स्थित कंपनी ने दावा किया कि मैरिको का सफोला शहद एनएमआर (न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस) परीक्षण में विफल रहा है और वह उपभोक्ताओं को गुमराह कर रही है। डाबर ने दावा किया, “डाबर मैरिको के खिलाफ एएससीआई में शिकायत दर्ज करा रही है क्योंकि बाजार से लिए गए उसके सफोला शहद का नमूना परीक्षण में असफल रहा है। परीक्षण रिपोर्ट साफ तौर पर सफोला शहद में चीनी सिरप की मौजूदगी का संकेत देती है।”

डाबर ने दावा किया, “एनएमआर परीक्षण पर उनका दावा उपभोक्ताओं को भ्रमित कर रहा है।” हालांकि, डाबर के इस दावे को खारिज करते हुए मैरिको ने कहा, ‘‘सफोला शहद एफएसएसएआई के सभी गुणवत्ता मानकों पर भी खरा उतरता है।” इससे पहले मैरिको ने शहद को लेकर डाबर के एनआरआर दावे पर एएससीआई के समक्ष एक अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी।

मैरिको ने एक प्रवक्ता ने कहा, “डाबर ने अपने उत्पाद डाबर हनी को लेकर दावा किया है कि यह एनएमआर जांच के अनुसार शुद्ध शहद है, इसके खिलाफ मैरिको ने एएससीआई के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। एनएमआर पर खरा होने का दावा गलत और गुमराह करने वाला पाया गया है।”

मैरिको ने तीन दिसंबर को एएससीआई के समक्ष एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने डाबर के इस दावे को चुनौती दी कि उसका शहद जर्मन एनएमआर परीक्षण में सफल रहा है। किसी ब्रांड का नाम लिए बिना एएससीआई ने कहा कि उसे पिछले कुछ महीनों में शहद ब्रांडों के खिलाफ चार शिकायतें मिली हैं। (एजेंसी)