मुंबई. सरकार के लॉकडाउन को और बढ़ाने से आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर होगा। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज ने अपनी एक रपट में यह बात कही। उसने चालू वित्त वर्ष के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो प्रतिशत संकुचन का अनुमान जताया है। बोफा सिक्युरटीज ने यह अनुमान लॉकडाउन के मध्य जुलाई तक खिंचने और आर्थिक गतिविधियों के अगस्त से फिर शुरू होने के आधार पर लगाया है। गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भी वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था सिकुड़ने का अनुमान जताया है।
हालांकि उसने कोई विशेष स्तर नहीं बताया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पांच प्रतिशत तक गिर सकती है। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को फिर खोलना शुरू कर दिया है। हालांकि कोविड-19 से प्रभावित इलाके अब भी लॉकडाउन में हैं। यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में 60 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
बोफा सिक्युरिटीज ने कहा, ‘‘सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर खोलने के पहले चरण (अनलॉक 1.0) के साथ लॉकडाउन को 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। इस तरह अर्थव्यवस्था में एक महीने की नरमी का जीडीपी पर एक से दो प्रतिशत असर होगा।” वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि अब उसे देश की जीडीपी दो प्रतिशत संकुचित होने का अनुमान है, यह उसके पिछले अनुमान से 0.70 प्रतिशत अधिक है।(एजेंसी)