केमिस्टों के विरोध पर सरकार का यू-टर्न, ‘आरोग्य सेतु’ से हटाया ई-फार्मेसी पोर्टल

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मुंबई. दवा विक्रेताओं के राष्ट्रीय संगठन आल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) ने केंद्र सरकार द्वारा ‘आरोग्य सेतु’ ऐप से ई-फार्मेसी पोर्टल के लिंक को हटाए जाने का स्वागत करते हुए इसे देश के करीब 8.50 लाख केमिस्टों के हित में बताया है. गौरतलब है कि केमिस्ट संगठन ने ‘आरोग्य सेतु’ ऐप से ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियों को प्रमोट करने वाले पोर्टल aarogyasetumitr.in को जोड़े जाने का कड़ा विरोध किया. साथ ही नीति आयोग पर ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियों को ‘आरोग्य सेतु’ ऐप के जरिए अनुचित रूप से प्रमोट करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ विगत सप्ताह प्रधानमंत्री के पास गुहार लगाई और दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की.

उच्च न्यायालय में याचिका पर सुनवाई अब 9 जून को

एआईओसीडी के अध्यक्ष जे. एस. शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि केमिस्टों के कड़े विरोध के बाद सरकार ने ‘आरोग्य सेतु’ ऐप से ई-फार्मेसी लिंक को हटा दिया है. संगठन की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ द्वारा शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गयी. इस दौरान केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिन्दर आचार्य ने स्वीकार किया कि केंद्र सरकार ने ‘आरोग्य सेतु’ से ई-फार्मेसी पोर्टल को डी-लिंक कर दिया है. अब कोई भी व्यक्ति, जो आरोग्य सेतु एप्लीकेशन का उपयोग कर रहा है, उसे अब वेबसाइट का लिंक नही मिल रहा है.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि वह यह बताने की स्थिति में नही है कि किसी भी फार्मेसी के लिए पैन इंडिया लाइसेंस दिया गया है या नही, इसलिए कोर्ट ने उन्हें इस बिंदु पर निर्देश देने को कहा है. अदालत ने उनसे यह भी पूछा कि देश के अन्य सामान्य फार्मेसी स्टोर्स aarogyasetumitr.in पर सूचीबद्ध क्यों नही है? इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि केंद्र सरकार ने एक वेबसाइट पर ई-फार्मेसी लिस्टिंग की अनुमति कैसे दी, जबकि दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने बिना लाइसेंस के दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को रोक दिया था. न्यायालय ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के उल्लंघन का कार्य कर रही है. सुनवाई की अगली तारीख 9 जून 2020 है.

महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री और उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि अब समय आ गया है कि आरोग्य सेतु, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए स्वयं प्रचारित किया जा रहा है, उस आरोग्य सेतु शब्द का दुरुपयोग रोकने के लिए अवैध व्यापार कर रही ई-फार्मेसी कंपनियों को बैन किया जाए.