अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार में लंबी तेजी के आसार

  • 7 कारणों से चलेगा तेजी का दौर

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मुंबई. नया साल 2021 नई उम्मीदों के साथ शुरू हो गया है। वैसे तो हर नए साल में लोगों को अपनी और देश की प्रगति की नई उम्मीदें रहती हैं। परंतु 2021 से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें हैं, क्योंकि 2020 हर किसी के लिए अत्यंत कष्टदायी और अभूतपूर्व रहा है। चाइना से फैले कोरोना वायरस ने पूरे दुनिया में ऐसा कहर बरपाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।

इससे पहले भी चाइना में पैदा हुए कई वायरस दुनिया में फैले, लेकिन वे इतने घातक नहीं थे। कोरोना वायरस (Corona virus)  (कोविड 19) से तो पूरी मानव जाति सहम गई। दुनिया के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं हिल गई और सदी की सबसे भयंकर मंदी साबित हुई। भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) भी रसातल में चली गई और लॉकडाउन के चलते वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में तो 23% की जबरदस्त गिरावट आई, जो वर्ष 1979 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है।

हालांकि कोरोना का प्रकोप घटने और अनलॉक किए जाने से दूसरी तिमाही से रिकवरी शुरू हो गई। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में आर्थिक विकास दर (Growth Rate) सुधरी और केवल 7% ही घटी तथा तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी (GDP) दर फिर पॉजिटिव आने की उम्मीद है, लेकिन पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी (GDP) ग्रोथ दर करीब 8% निगेटिव रहने की आशंका है, जो आजादी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट हो सकती है। इससे पहले ‍वित्त ‍वर्ष 1978-79 में वैश्विक मंदी के चलते जीडीपी दर 5.2% निगेटिव रही थी। लेकिन चाइनीज वायरस कोरोना पर नियंत्रण होने और वैक्सीन आने की आशा में तेज रिकवरी (Fast Recovery) आ रही है और ‍नए वित्त ‍‍वर्ष 2021-22 में तो बंपर ग्रोथ की उम्मीद है।

इसलिए ‍इस बार नव वर्ष में लोगों की उम्मीदें बहुत अधिक है। हालांकि चीन के साथ बढ़ता तनाव एक बड़ी चिंता भी है। जिस तरह के हालात बन रहे हैं, उसे देखते हुए लग रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार (Stock Market) में बड़ा उछाल आ सकता है। अर्थव्यवस्था में लंबी तेजी आने की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं। यह तेजी ‍‍‍वर्ष 1992-1996 और ‍वर्ष 2003-2007 जैसी हो सकती है। यानी 14 वर्षों के बाद बड़ी तेजी का दौर चलेगा। इसके 7 प्रमुख कारण दिख रहे हैं।

  1.  कोरोना महामारी के कारण भारत सहित सभी देशों की अर्थव्यवस्थाओं में भारी गिरावट आई। जिससे सभी अर्थव्यवस्थाएं ‘बाटम ऑउट’ यानी आधार एकदम न्यूनतम हो गया है, लिहाजा अगले वित्त वर्ष में तुलनात्मक रूप से ग्रोथ काफी ज्यादा दिखाई देगी। जैसे भारत की जीडीपी दर चालू वित्त वर्ष में 7 से 9% निगेटिव रहने की आशंका है, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष में 9 से 11% पॉजिटिव रहने की उम्मीद है।
  2.  देश में मोदी सरकार ने पिछले 6 वर्षों में कई बड़े आर्थिक सुधार किए हैं और अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में चीन से आयात निर्भरता घटाते हुए घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देकर देश में औद्योगिक उत्पादन और रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इन सभी प्रयासों का असर आगामी वर्षों में अधिक दिखाई देगा। इसके संकेत दिखने भी लगे हैं।
  3. अर्थव्यवस्था ‘अनलॉक’ किए जाने के बाद पिछले 5 महीनों से शेयर बाजार में भारी विदेशी निवेश आ रहा है। 5 महिनों में करीब 27 बिलियन डॉलर का रिकार्ड निवेश इक्विटी बाजारों में आया है। इसी कारण बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 47,751 अंक की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है। विदेशी निवेशक लॉन्ग टर्म व्यू को देखकर निवेश करते हैं। उन्हें आगामी ‍वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है, तभी वे भारी निवेश कर रहे हैं।  
  4. कोविड महामारी के संकट से अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बचाने के लिए अमेरिका, यूरोप, जापान, चीन और भारत सहित सभी देशों के केंद्रीय बैंकों ने बड़े-बड़े मौद्रिक राहत पैकेज घोषित किए और आगे भी दिए जा रहे हैं, जिनकी वजह से भारत सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रा प्रवाह यानी लिक्विडिटी काफी ज्यादा बढ़ गई है। अर्थ तंत्र में लिक्विडिटी अत्याधिक बढ़ने के कारण ही शेयर बाजार, कमोडिटी बाजार, रियल एस्टेट सहित सभी बाजारों में तेजी आ रही है। मुंबई में विगत 4 महीनों के दौरान 41,681 घरों की रिकार्ड बिक्री होने की खबर है। इसमें से दिसंबर 2020 में ही 18,854 घर बिक गए। यह पैसा धीरे-धीरे सभी क्षेत्रों और पूरी अर्थव्यवस्था में आएगा। जिससे ग्रोथ तेज होगी।
  5. दुनिया के सबसे बड़े देश अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां जो बिडेन की सरकार निर्वाचित हुई है। अब उनसे भी काफी उम्मीदे हैं। क्योंकि उनकी छवि उदारवादी है। नई सरकार अमेरिकी अर्थव्यवस्था को महामारी से उबारने के लिए नए कदम उठाएगी। नए पैकेज देगी। जिससे अमेरिका में तेजी आएगी। और जब वहां की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी तो उसका असर पूरी दुनिया और भारत में भी पड़ेगा। क्योंकि अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
  6. देश में विगत कुछ ‍वर्षों से अच्छी बारिश हो रही है। 2020 में भी भारी बारिश हुई। जिससे कृषि क्षेत्र की ग्रोथ तेज हो रही है। 2020 में भी महामारी और लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र की ग्रोथ अच्छी रही। और एक तरह से ‘ग्रामीण भारत’ ने ही अर्थव्यवस्था को मजबूत सहारा दिया।
  7. किसी भी देश की अर्थव्यवस्था तभी ग्रोथ कर सकती है, जब वहां स्थिर सरकार हो। और भारत में इस समय पूर्ण बहुमत वाली स्थिर एवं मजबूत सरकार है, जिसका कार्यकाल साढ़े तीन साल और है। मोदी सरकार विदेशी निवेश आकर्षित कर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सफल भी हो रही है।