Heavy demand from China, surge in metal prices

  • चाइना की भारी मांग और सट्टेबाजी के चलते जोरदार तेजी
  • मेटल कीमतों में 43% से 77% तक का उछाल

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मुंबई. ‍कीमती धातुओं सोना-चांदी (Gold-Silver) के साथ इंडस्ट्रीयल मेटल्स (Industrial Metals) की कीमतों में भी जोरदार तेजी आ रही है। इस तेजी के मुख्य कारण हैं वैश्विक अर्थव्यवस्था में लिक्विडी बढ़ना, कोरोना संकट के बाद विश्व के बड़े देशों की अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी, आपूर्ति में कमी और चाइना की भारी मांग। 

जिससे चौतरफा मांग निकल रही है और लगभग सभी धातुओं में भारी तेजी आ रही है। निवेश और औद्योगिक मांग के साथ सट्टेबाजी भी जोरों पर है। कॉपर (Copper), एल्युमिनियम (Aluminium), जिंक (Zinc), निकल (Nickel), टीन (Tin), स्टील (Steel) सहित सभी मेटल्स महंगे होते जा रहे हैं और इनमें तेजी का दौर जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।

मांग ज्यादा, आपूर्ति कम

विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना महामारी के घोर संकट से उबारने के लिए अमेरिका, यूरोपियन संघ, चाइना, जापान, भारत सहित सभी बड़े देशों के केंद्रीय बैंकों ने बड़े-बड़े मौद्रिक राहत पैकेज दिए और यह क्रम जारी है। जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) में फास्ट रिकवरी आ रही है और सबसे ज्यादा रिकवरी चीन में आई है, जो औद्योगिक धातुओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। चीन अपनी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कर रहा है, जिससे वहां इंडस्ट्रीयल मेटल्स की खपत बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ कोरोना संकट के कारण विश्व स्तर पर खनन कार्य प्रभावित होने से सभी धातुओं का उत्पादन प्रभावित हुआ है। चीन (China) की भारी मांग और सट्टेबाजी के चलते सभी धातुओं में तेजी आ रही है।

रिकवरी तेजी के नए दौर में तब्दील

विगत 9 महिनों में सभी धातुओं में 43% से लेकर 77% तक की रिकार्ड तेजी आई है। चाइनीज वायरस कोविड की महामारी फैलने से मार्च 2020 में सभी बाजारों के साथ मेटल मार्केट में भी रिकार्ड मंदी आई थी और धातुओं की कीमतें दशक के न्यूनतम स्तर पर गिर गई थीं, लेकिन उसके बाद जो रिकवरी शुरू हुई, वह तेजी के नए दौर में तब्दील हो गई है। यह तेजी विश्व स्तर पर है और इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ रहा है।

तांबा के दाम नई ऊंचाई पर

लंदन मेटल एक्सचेंज (LME) में तांबा 8 वर्षों की ऊंचाई 8180 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है, जो मार्च में 4617 डॉलर पर था। जबकि एमसीएक्स (MCX) में तांबा 626 रुपए प्रति किलो की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। इसी तरह लंदन में स्टील 662 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है, जो मार्च में 372 डॉलर ही था। मुंबई में स्टील टीएमटी बार्स के दाम 68,000 रुपए प्रति टन पर पहुंच गए हैं, जो मार्च में 42,000 रुपए ही थें। यह स्टील का 2008 के बाद सर्वाधिक उच्च स्तर है। विगत 9 महिनों में लंदन में एल्युमिनियम 1424 डॉलर से बढ़कर 2040 डॉलर प्रति टन हो गया है। जबकि जिंक 1773 डॉलर से बढ़कर 2900 डॉलर प्रति टन हो गया है। एमसीएक्स में जिंक 224 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। लंदन में निकल 11075 डॉलर से बढ़कर अब 17,570 डॉलर प्रति टन हो गया है। इस तरह विगत 9 महिनों में कॉपर 75%, स्टील 62%, एल्युमिनियम 43%, जिंक 63% और निकल 58% महंगा हो चुका है।     

ऊंचे मूल्यों पर कुछ गिरावट संभव

रिलायंस सिक्युरिटीज (Reliance Securities) के वरिष्ठ विश्लेषक श्रीराम अय्यर का कहना है कि जिस तरह के हालात विश्व स्तर पर बन रहे हैं, उसे देखते ‍सोना-चांदी ही नहीं बल्कि अन्य सभी धातुओं में भी तेजी का दौर 2021 में भी जारी रहने के आसार दिख रहे हैं। चीन की मांग बढ़ती जा रही है। मांग की तुलना में आपूर्ति कम है। अमेरिका में नई सरकार आने के बाद वहां भी मांग और बढ़ सकती है। हालांकि ‍विगत 9 महिनों में भारी तेजी के बाद अब ऊंचे मूल्यों पर मुनाफावसूली दबाव बनने पर कुछ गिरावट भी संभव है।