होटलों को है ग्राहकों का इंतजार, 2 लाख रेस्टोरेंट्स अभी भी बंद

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मंजूरी के बाद मात्र 10-15% ही खुले

कोरोना का खतरा कायम, व्यवसाय ठप

मुंबई. कोरोना महामारी के कारण पूरे साढ़े तीन महिने बंद रहने के बाद राज्य में बुधवार से आम जनता के लिए होटल खुलने शुरू तो हुए, लेकिन एक तो बहुत कम यानी मात्र 10-15% होटल ही खुले और दूसरे इनमें ग्राहक नदारद रहे. क्योंकि कोरोना का प्रकोप कायम है. राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में कंटेनमेंट जोन के बाहर होटल, गेस्ट हाउस और लॉज को कड़ी शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दी है. राज्य में करीब 10,500 होटल हैं, जिनमें से करीब 2,000 मुंबई में है. परंतु सरकार ने अभी  रेस्टोरेंट्स खोलने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है. जिसके कारण राज्य में 2 लाख से अधिक छोटे- बड़े सभी रेस्टोरेंट्स अभी भी बंद है. कुछ रेस्टोरेंट्स केवल फूड डिलीवरी दे रहे हैं.

होटल मालिकों में निराशा का आलम

सरकार की मंजूरी के बाद बुधवार को केवल 10 से 15% होटल ही शुरू हुए. इसका सबसे कारण कोरोना का खतरा कायम रहने से होटल मालिकों में निराशा की स्थिति का होना है. होटल मालिकों का कहना है कि जब व्यवसाय ही नहीं है तो खोल कर क्या फायदा? महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा संक्रमित राज्य है. मुंबई-ठाणे में अभी भी कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. अनेक इलाके कंटेनमेंट जोन हैं, जिनमें होटल खोल नहीं सकते हैं. लोगों का आना-जाना लगभग बंद हैं. इस वजह से यहां अधिकांश कारोबार ठप पड़े हुए हैं. जिससे दूसरे राज्यों से कोई कारोबारी या पर्यटक आ नहीं रहे हैं और होटलों में तो मुख्यत: बाहर से बिजनेस या फिर पर्यटन के लिए ही आने वाले कारोबारी और टूरिस्ट ही रूकते हैं. जब कोई ग्राहक आ ही नहीं रहा है तो होटल खोलने पर तो केवल खर्च ही बढ़ेगा.

भारी नुकसान ने तोड़ी कमर

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (वेस्टर्न इंडिया) के उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने कहा कि दरअसल साढ़े तीन महिनों तक बंद रहने के कारण अधिकांश होटल मालिकों की हालत दयनीय हो गई है. भारी नुकसान ने हमारी कमर तोड़ दी है. दूसरे, सरकार ने अब खोलने की मंजूरी तो दी है, लेकिन कोरोना का खतरा तो बना हुआ है. कारोबार ठप है. इसलिए होटल मालिक अभी खोलने से कतरा रहे हैं. क्योंकि खोलने पर ग्राहक तो आएंगे नहीं, उल्टे खर्च बढ़ जाएगा. फिर भी अगले 10 दिनों में 35 से 40% होटल खुल सकते हैं. लंबे समय तक बंद रहने से खोलने के लिए साफ-सफाई और सुरक्षा निर्देशों के पालन की तैयारी में समय भी लगेगा.

कर्मचारियों का जल्द लौटना मुश्किल

शेट्टी ने कहा कि चाइना के कोरोना वायरस से पैदा हुए घोर संकट से होटल मालिकों के समक्ष कई तरह की दिक्कतें भी पैदा हो गई हैं. सभी होटल भारी घाटे में आ रहे हैं. मार्च से लगातार बंदी के कारण कमाई तो बंद है, लेकिन कुछ फिक्स खर्च तो जारी हैं. इससे पैसे की भारी तंगी आ गई है. इसके अलावा बहुत से कर्मचारी गांव चले गए हैं. उनका जल्दी वापस मुश्किल लग रहा है, क्योंकि उनके लिए फिलहाल होटलों के पास काम ही नहीं है. लिहाजा जब तक कोरोना पर नियंत्रण नहीं होता है और सभी उद्योग-धंधों में रौनक नहीं लौटती है, तब तक होटल बिजनेस में भी मंदी छाई रहेगी. और सभी होटलों का खुलने की उम्मीद भी कम रहेगी.

करना होगा कड़े सुरक्षा नियमों का पालन

गौरतलब है कि महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा संक्रमित राज्य है, हालांकि अब धीरे-धीरे सरकार यहां भी जनजीवन को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बीते सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन से थोड़ी और राहत देते हुए राज्य में होटलों को उनकी क्षमता के 33% के साथ 8 जुलाई से खोलने की अनुमति दी. परिचालन शुरू करने वाले सभी होटलों को शारीरिक दूरी और साफ-सफाई से जुड़ी मानक प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करना होगा. सभी ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग और सेनेटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य करनी होगी. कोरोना के लक्षण वाले ग्राहकों को होटल या लॉज में अंदर नहीं आने दिया जाएगा. गेस्ट और कर्मचारी दोनों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. AC का उपयोग 24 से 30 डिग्री तापमान के बीच ही करना होगा. ज्यादा से ज्याद डिजिटल पेमेंट करने की सलाह सरकार ने दी है.  गेस्ट के पास आरोग्य सेतु ऐप होना भी अनिवार्य रहेगा. बैठने की जगह पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.