India is among Switzerland's top three partners in information transactions on tax matters: Global Forum

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नई दिल्ली/बर्न. आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के एक वैश्विक मंच ने अपने ताजा अध्ययन में कहा है कि भारत, स्विट्जरलैंड से अपने निवासियों के बैंक खातों और उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं के लाभकारी स्वामित्व के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल है। ओईसीडी के इस अध्ययन का मकसद कर मामलों में सूचनाओं की पारदर्शिता और लेनदेन को बढ़ावा देना है। वैश्विक मंच की जुलाई 2015 से जून 2018 के लिए नवीनतम समीक्षा में भारत को शीर्ष तीन देशों में शामिल किया गया, जिनके अनुरोध पर स्विट्जरलैंड ने जानकारी प्रदान की। बाकी दो देश फ्रांस और जर्मनी हैं। वैश्विक मंच ने सूचनाओं के लेनदेन पर अपनी नवीनतम समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि स्विट्जरलैंड की रेटिंग ‘व्यापक अनुपालन’ की है।

इस रिपोर्ट में दुनिया भर में देशों द्वारा मांगी गई सूचनाओं और उस पर कार्रवाई का अध्ययन किया गया है। ओईसीडी की संस्था ने भारत को भी ‘व्यापक अनुपालन’ की रेटिंग दी है। वैश्विक मंच की समीक्षा में कहा गया कि स्विट्जरलैंड ने कानूनी स्वामित्व की जानकारी देने, मृतक व्यक्तियों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान और चुराए गए डेटा के संबंध में अनुरोधों पर कार्रवाई करने में उल्लेखनीय सुधार किया है। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि स्वामित्व की जानकारी देने और सूचना तथा गोपनीयत के क्षेत्र में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं।

भारत में पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्विस बैंकों में जमा काले धन का मुद्दा राजनीतिक रूप से काफी अहम रहा है और स्विट्जरलैंड अपने वित्तीय संस्थानों के बारे में लंबे समय से इस प्रचलित धारणा को खत्म करने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा है कि वहां विभिन्न देशों के लोगों द्वारा अघोषित धन को छिपाया जाता है। स्विट्जरलैंड ने पिछले एक साल में भारत से संबंधित 500 से अधिक मामलों में विस्तृत जानकारी साझा की है। ये मामले कर धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित हैं।(एजेंसी)