भारत फिर करेगा तेज प्रगति : मुकेश अंबानी

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रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की ऐतिहासिक एजीएम

गूगल करेगी 3 अरब डॉलर का निवेश

मुंबई. देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी  रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की 43वीं वार्षिक आम सभा यानी एजीएम बुधवार को हुई, जो एक तरह से ऐतिहासिक रही. जहां कंपनी ने कोरोना संकट के कारण पहली बार वर्चुअल एजीएम की. जियो मीट के द्वारा हुई लाइव एजीएम में 460 से अधिक शहरों और 41 देशों से 3.1 लाख शेयरधारक जुड़े. हमेशा कम्पनी मुंबई में मरीन लाइन स्थित बिरला मातुश्री सभागार में अपनी वार्षिक बैठक करती है. वहीं आज ही गूगल ने जियो प्लेटफ़ॉर्म्स में 7.73% हिस्सेदारी खरीदने के लिए 33,737 करोड़ रुपए यानी 3 अरब डॉलर का बड़ा निवेश करने की घोषणा की.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संकट मानव इतिहास की सबसे बड़ी विध्वंसकारी घटना है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि इस संकट के समाप्त होने पर भारत और संपूर्ण विश्व एक बार फिर प्रगति और समृद्धि के रास्ते पर लौटेगा. मेरा दृढ़ता से मानना है कि हर प्रतिकूल परिस्थिति कई नए अवसरों को प्रस्तुत करती है. रिलायंस की एजीएम स्वयं इसका उदाहरण है. आज हम सभी हमारे नए डिजिटल उत्पाद जियो मीट के माध्यम से इसमें भाग ले रहे हैं.

जियो 5G के लिए तैयार

अंबानी ने कहा कि जियो 5G के लिए तैयार है. हमने अपना 5G सोल्यूशन पूरी तरह से ख़ुद तैयार किया है. जैसे ही 5G स्पेक्ट्रम मिलता है, हम इसे शुरू कर सकेंगे. ये अगले साल तक हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिलायंस अब एक ज़ीरो नेट डेट यानी कर्ज मुक्त कंपनी बन गई है, वो भी मार्च 2021 की हमारी ही तय समय सीमा से कहीं पहले. इस मज़बूत बैलेंस शीट के दम पर हम अपने तीन बिज़नेस को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं.

जियोमीट को 50 लाख ने किया डाउनलोड

कुछ ही दिनों पहले रिलीज़ किए गए जियोमीट को 50 लाख से ज़्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं. जियोमीट को हमारे युवा जियो प्लेटफॉर्म्स की टीम ने सिर्फ़ 2 महीने में बना लिया और ये भारत की पहली और अकेली क्लाउड बेस्ड वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग एप है.

150 अरब डॉलर मार्केट कैप

अंबानी ने कहा कि रिलायंस भारत की पहली कंपनी बन गई है, जिसका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 150 अरब डॉलर ज़्यादा हो गया है. कंसॉलिडेटेड EBITDA  यानी सकल मुनाफा 1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली भी रिलायंस देश की पहली कंपनी है. पांच साल पहले हमारा लगभग पूरा EBITDA एनर्जी और मटीरियल बिज़नेस से आता था. तबसे अब तक हमारे कंज़्यूमर और टेक्नॉलोजी बिज़नेस ने तेज़ी से प्रगति की है. रिलायंस के कन्ज़्यूमर बिज़नेस का EBITDA इस साल 49% बढ़ा है और ये हमारे कंसॉलिडेटेड EBITDA का लगभग 35 % है. मुकेश अंबानी ने कहा कि पिछले साल मैंने अपने भाषण में कहा था कि हमारा लक्ष्य भागीदारी के ज़रिए व्यापार को बढ़ाना और रिलायंस को नेट डेट फ़्री बनाना है. मुझे आपको ये बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने ये दोनों ही लक्ष्य तय समय से पहले हासिल कर लिए हैं.

सबसे बड़ा राइट्स इश्यू

अंबानी ने कहा कि 53,124 करोड़ रुपए का रिलायंस का राइट्स इश्यू भारत का सबसे बड़ा इश्यू था. पिछले एक दशक में दुनिया की कोई भी ग़ैर-वित्तीय कंपनी इतना बड़ा राइट्स इश्यू नहीं ला सकी है. ये इश्यू 1.59 गुना ओवरसबस्क्राइब हुआ. भारत के कैपिटल मार्केट का यह एक नया रिकॉर्ड है.

लॉकडाउन के बीच, राइट्स इश्यू पूरी तरह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लॉन्च किया गया. इसके लिए एक भी व्यक्ति को कभी भी अपने दफ़्तर या घर से बाहर नहीं निकलना पड़ा. इसने डिजिटल युग में भारत के नेतृत्व और इनोवेशन की क्षमता को प्रदर्शित किया है. रिलायंस ने राइट्स इश्यू, जियो प्लेटफ़ॉर्म्स में निवेश और बीपी के साथ ज्वॉइंट वेंचर से कुल 2,12,809 करोड़ रुपए जुटाए हैं. ये हमारे वित्तीय वर्ष 2019-20 के नेट डेट 1,61,035 करोड़ रुपए से ज़्यादा है.

अगले 8 दशकों में आएंगे क्रांतिकारी बदलाव

मुकेश अंबानी ने कहा कि पिछली बीस सदियों में जितना बदलाव देखा गया है, इस सदी के अगले 8 दशकों में उससे ज़्यादा बदलाव देखने को मिलने वाला है. अगर हमारे देश के उद्योगों को ज़रूरी ढाँचागत सुविधाएँ और कौशल का सहारा मिलें तो भारत इस बदलाव में अग्रणी होकर उभर सकता है. यही करना जियो का उद्देश्य है, जियो का सपना है.

डिजिटल कनेक्टिविटी ग्रोथ के 5 इंजिन हम शुरू कर चुके हैं- मोबाइल ब्रॉडबैंड, जियो फ़ाइबर, जियो का एंटरप्राइज़ ब्रॉडबैंड, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए ब्रॉडबैंड और जियो का नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स.

50 करोड़ ग्राहक बनाने का लक्ष्य

आने वाले तीन साल में जियो के मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए 50 करोड़ ग्राहक जुड़ेंगे, 1 अरब स्मार्ट सेंसरों के ज़रिए और 5 करोड़ घर और दफ़्तर भी जियो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे. जियो प्लेटफ़ॉर्म्स बनाया ही ये सोचकर गया है कि ये ऐसी नई बौद्धिक संपदा की मालिक हो जिसका इस्तेमाल कर हम अलग-अलग ईकोसिस्टम में टेक्नॉलोजी की ताकत का इस्तेमाल कर सकें. पहले भारत में और फिर दुनिया भर में.

जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20 से ज़्यादा स्टार्टअप्स पार्टनर्स के साथ मिलकर  विश्व स्तर की तकनीकों का विकास किया है. चाहे वो 4G हो या 5G, क्लाउड कंप्यूटिंग, डिवाइसेज़ और ऑपरेटिंग सिस्टम, बिग डेटा, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, एआर/वी आर, ब्लॉकचेन, नेचरल लैंग्वेज अंडरस्टैंडिंग और कंप्यूटर विज़न. जियो प्लेटफॉर्म्स की तकनीकी क्षमता कई क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है. सूचना, वित्तीय सेवाएँ, न्यू कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थय, कृषि, स्मार्ट सिटीज़, स्मार्ट मैन्युफ़ैक्चरिंग और स्मार्ट मोबिलिटी.

जियो टीवी+ पर आप 12 ओटीटी कंपनियों के बने कार्यक्रम देख सकेंगे. इनमें शामिल हैं नेटफ़्लिक्स, अमेज़न प्राइम, डिज़्नी+, हॉटस्टार, वूट, सोनी लिव, ज़ी फ़ाइव, जियो सिनेमा, जियो सावन और यू-ट्यूब सहित कई और कंपनियां. दशकों से टीवी कंटेंट ब्रॉडकास्ट पर निर्भर करता रहा है जिसमें इंटरएक्टिविटी होती ही नहीं थी. जियो फ़ाइबर के जरिए टीवी पर इंटरएक्टिविटी ला कर हमने आपके अनुभव को बदला है.

कोरोना की वैक्सीन देश भर में पहुंचाने के लिए तैयार : नीता अंबानी

एजीएम में रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और फाउंडर नीता अंबानी ने पहली बार भाषण दिया. नीता अंबानी ने कहा कि जैसे ही कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होगी इसको हम स्वयंसेवक के तौर पर डिजिटिल डिस्ट्रिब्यूशन और सप्लाई चेन के जरिए देश के हर कोने में पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे.

नया इनोवेशन ‘जियो ग्लास’ लॉन्च

रिलायंस की एजीएम में कम्पनी का नया इनोवेशन ‘जियो ग्लास’ लॉन्च करते हुए अंबानी ने कहा कि यह शिक्षकों और विद्यार्थियों को एक 3D वर्चुअल रूम में साथ लाएगा. जियो, होलोग्राफ़िक क्लास को रियल टाइम में मिक्सड रिएलिटी क्लाउड के माध्यम से संचालित करता है. यूँ समझिए, जियो ग्लास के ज़रिए भूगोल पढ़ने का तरीका अब एक इतिहास में बदल जाएगा.