सीमेंट के बाद अब लोहा गर्म

  • कंपनियों की चांदी, नुकसान में आते छोटे व्यापारी
  • 6 बार लगातार मूल्य वृद्धि

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मुंबई. सीमेंट (Cement) के बाद स्टील (Steel) की कीमतें भी तेज होने लगी है। कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार आता देख बड़ी स्टील कंपनियां आपूर्ति नियंत्रित कर भारी मूल्य वृद्धि कर रही है। पिछले एक महीने में ही स्टील उत्पादों की कीमतों में 17% से 22% की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।

सबसे ज्यादा खपत वाले टीएमटी बार (TMT Bar), एचआरसी कॉयल (HRC Coil), एमएस एंगल (MS Angle) के दाम एक महिने में 7,000 रुपए से लेकर 10,000 रुपए प्रति टन बढ़ा दिए गए हैं। जबकि अगस्त के बाद से अब तक 30% की भारी मूल्य वृद्धि की गई है। अंधाधुंध मूल्य वृद्धि से कंपनियों और बड़े व्यापारियों की चांदी हो रही है, जबकि छोटे व्यापारी भारी नुकसान में आ रहे हैं।

कंपनियों पर कार्टेल बनाने का आरोप

व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह सीमेंट कंपनियां कार्टेल बनाकर मनमाने ढंग से लगातार मूल्य वृद्धि कर रही हैं, उसी तरह स्टील कंपनियों ने भी कार्टेल बना लिया है। अनलॉक के बाद विगत महीनों में कंपनियों ने आपूर्ति घटा कर देश भर में सीमेंट की कीमतों में भारी वृद्धि की है, लेकिन सरकार ने उनके खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहीं की। इससे स्टील कंपनियों के भी हौसले बुलंद हैं और वे भी कृत्रिम शॉर्टेज पैदा कर कीमतें बढ़ाकर मु‍नाफाखोरी कर रही हैं। पिछले तीन महिनों में 6 बार मूल्य वृद्धि की गई है।जबकि विगत एक माह में ही 3 बार भाव बढ़ाए गए हैं।

बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे ट्रेडर

मुंबई के एक छोटे स्टील व्यापारी का कहना है कि भारी मूल्य वृद्धि से बड़ी कंपनियों और बड़े व्यापारियों (होलसेलर) की चांदी हो रही है, लेकिन कंपनियां द्वारा जल्दी-जल्दी मूल्य बढ़ाए जाने से छोटे व्यापारी (ट्रेडर) भारी नुकसान में आ रहे हैं। क्योंकि हम अपने ग्राहकों से पहले के भाव पर बिक्री के सौदे करते हैं, लेकिन आपूर्ति के समय कंपनियां बढ़ी हुई कीमतों पर माल देती हैं, नतीजन हम छोटे व्यापारियों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। क्योंकि हमारा मार्जिन बहुत कम होता है। इस कारण कुछ व्यापारी तो बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। सरकार को कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की जरूरत है।

30% तक महंगे हुए स्टील उत्पाद

सिविल कंस्ट्रक्शन में उपयोग होने वाले टीएमटी बार्स यानी लोहे के सरियों के दाम पिछले एक माह में 8,000 रुपए प्रति टन यानी 17% बढ़ गए हैं। टाटा, जिंदल, सेल जैसे बड़ी कंपनियों के टीएमटी बार्स अब मुंबई में 60,000 रुपए प्रति टन (18% जीएसटी सहित) तक बिक रहे हैं। जबकि राजौरी, संगम और गार्डियन के सरिए 54,000 रुपए बोले जा रहे हैं। कुल बिक्री में सबसे ज्यादा 50 से 60% हिस्सा लोहे के सरियों का होता है। फैब्रिकेशन में उपयोग होने वाला उत्पाद एचआरसी (होट रोल्ड स्टील) कॉयल एक माह में सबसे ज्यादा 22% महंगा हुआ है और विगत चार महीनों में 30% महंगा हो चुका है। जिंदल, एस्सार, टाटा, सेल के एचआरसी कॉयल्स के दाम 65,000 रुपए प्रति टन तक बोले जा रहे हैं। इसी तरह इंडस्ट्रियल कंस्ट्रक्शन में उपयोग होने वाले एमएस एंगल्स के दाम 7,000 रुपए प्रति टन यानी 15% बढ़ाकर 56,000 रुपए प्रति टन कर दिए गए हैं।