Laxmi Vilas Bank talks to investors to raise 1,000 crore-CEO

बैंक के सीईओ एस सुंदर ने यह जानकारी दी है। निजी क्षेत्र का यह करीब 100 साल पुराना बैंक अपने पूंजी पर्याप्तता अनुपात को मजबूत बनाने के लिये विभिन्न विकल्पों को देख रहा है।

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नयी दिल्ली. निजी क्षेत्र का लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) करीब एक महीना पहले ही क्लिक्स कैपीटल के साथ विलय समझौता करने के बाद अब 1,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी जुटाने के लिये अन्य निवेशकों से बातचीत कर रहा है। बैंक के सीईओ एस सुंदर ने यह जानकारी दी है। निजी क्षेत्र का यह करीब 100 साल पुराना बैंक अपने पूंजी पर्याप्तता अनुपात को मजबूत बनाने के लिये विभिन्न विकल्पों को देख रहा है। बैंक का आईओन कैपिटल के समर्थन वाली गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्लिक्स कैपिटल के साथ विलय समझौते से बैंक में 1,900 करोड़ रुपये की पूंजी प्राप्त होगी।

एलवीबी के प्रबंध निदेशक और सीईओ एस. सुदर ने पीटीआई- भाषा के साथ खास बातचीत में कहा कि बैंक को वृद्धि और मुनाफा कमाने के लिये पूंजी की आवश्यकता है। ‘‘हमें क्लिक्स मिला है, उन्होंने बैंक के साथ विलय में रुचि दिखाई। इसमें फायदा यह है कि वह पूंजी के मामले में अधिशेष स्थिति में हैं जबकि हमारे पास पूंजी की कमी है।” उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूंजी की जरूरत है और उनके पास अधिशेष पूंजी है। इसलिये मुझे यह बेहतर गठबंधन लगा। यह इस लिहाज से बेहतर है कि उनके पास करीब 1,900 करोड़ रुपये की अधिशेष पूंजी है। क्लिक्स अपने साथ करीब 4,500- 4,600 करोड़ रुपये की संपत्ति ला रही है जिसमें से 1,900 करोड़ रुपये शेयरधारकों का कोष है।”

सुदर ने कहा इस समझौते को पूरा करने के लिये 45 दिन की अधिकतम समयसीमा तय की गई है। एलवीबी का कुल पूंजी पयार्प्तता अनुपात बेसल-तीन दिशानिर्देशों के मुताबिक 31 मार्च 2020 को 1.12 प्रतिशत पर था जबकि 31 दिसंबर 2019 को यह 3.46 प्रतिशत पर था। वर्ष 1926 में स्थापित इस बैंक ने पिछले पांच साल के दौरान केवल 2,002 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाई है। बैंक को मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में 92.86 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। इससे पहले लगातार दस तिमाहियों में बैंक को घाटा हो रहा था।

रिजर्व बैंक ने उसे सितंबर 2019 में त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के तहत डाल दिया था। इस कार्रवाई के तहत बैंक को अतिरिक्त पूंजी लाने, कंपनियों को आगे और कर्ज नहीं देने और गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) में कमी लाने तथा प्रावधान कवरेज अनुपात को बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने को कहा है। (एजेंसी)