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    मुंबई. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Reserve Bank Governor Shaktikanta Das) ने खाद्य वस्तुओं और उत्पादन के साधनों- दोनों ही मामलों में महंगाई का दबाव बढ़ने की बात स्वीकार करते हुए बुधवार को उम्मीद जतायी कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून के सामान्य रहने से मुद्रास्फीति का दबाव कम होगा। उन्होंने मु्द्रास्फीति के संबंध में आरबीआई के अप्रैल के अनुमान और मध्यम-काल में महंगाई के बारे में अनुमान में कोई बड़ा फर्क नहीं दिखता।

    कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच बुधवार को आनन फानन में की एक एक घोषणा में दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था के आगे के हालात को लेकर अनिश्चता है और गिरावट का जोखिम बढ़ा है। उन्होंने लोगों और छोटे उद्यमियों के लिए कर्ज चुकाने में राहत और बैंकों को कर्ज के लिए धन की उपलब्धता बढ़ाने के उपायों के अलावा स्वास्थ्य सेवा एवं उत्पाद विनिर्माण क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रुपए के वित्तपोषण की योजना की घोषणा की।

    दास ने यह माना कि खाद्य वस्तुओं एवं ईंधन की कीमतें बढ़ने से फरवरी के पांच प्रतिशत की तुलना में मार्च 2021 में खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत हो गयी और मुख्य मुद्रास्फीति (विनिर्मित वस्तुओं के मूल्य पर आधारित महंगाई दर) ऊंची बनी रही। उन्होंने कहा कि महंगाई की आगे की दिशा महामारी के संक्रमण और आपूर्ति श्रृंखलाओं एवं रसद सामग्री पर स्थानीय कोविड के चलते स्थानीय प्रतिबंधों के असर पर भी निर्भर करेगी। (एजेंसी)