pfizer

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    नई दिल्ली. फिलहाल सम्पूर्ण विश्व (World) अभी कोरोना (Corona) से लड़ रहा है। इस लड़ाई में जो एक प्रमुख हथियार है वह है इस संक्रमण की वैक्सीन (Corona Vcacine)। लेकिन क्या आप जानते है कि कौनसी कंपनी अभी इस बनाने, बेचने और पैसा कमाने में नंबर 1 है। बात शुरू हुई थी पिछले साल, जब दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी (Corona) की शुरुआत हुई तो दवा कंपनी फाइजर ने रिकॉर्ड टाइम में इसका वैक्सीन बना लिया था। इसके बाद फाइजर (Pfizer) ने एक बड़ा ही बेहतरीन और स्वार्थपरक फैसला लिया।

    जी हाँ अन्य कई प्रतिद्वंदी दवा कंपनियों के उलट फाइजर ने अपने कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) से मुनाफा कमाने का फैसला किया। कोरोना संकट के इस दौर में पिछले साल कई दवा कंपनियों ने यह फैसला किया था कि वह कोरोना वैक्सीन में मुनाफा कमाने पर ध्यान नहीं देंगी। लेकिन वहीं बीते मंगलवार को दुनिया की प्रमुख दवा कंपनी फाइजर ने घोषणा की कि इस साल के उन्होंने सिर्फ 3 महीने में कंपनी ने 3।5 अरब डॉलर की कमाई की है। यह कंपनी के कुल रेवेन्यू का करीब एक चौथाई है। बता दें कि कोरोना वैक्सीन ही फाइजर की कुल कमाई में बहुत बड़ा योगदान दे रही है।

    कमाया 90 करोड़ डॉलर का मुनाफा :

    हालांकि फिलहाल फाइजर नेयह नहीं बताया है कि उसने कोरोना वैक्सीन बेचकर कुल कितना मुनाफा कमाया है।लेकिन कंपनी ने यह जरुर कहा है कि कोरोना वैक्सीन बनाने के बाद मुनाफे के उसके पहले के अनुमान में 20% तक की वृद्धि हो सकती है। जिसका माने यह हुए कि पहली तिमाही में ही फाइजर का कोरोना वैक्सीन से मुनाफा $90 करोड़ के पास आसपास रह सकता है। बता दें कि फाइजर ने दुनिया में सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली थी और इस वजह से उसे काफी तारीफें मिली है। वहीं इस कमपनी की कोरोना वैक्सीन ने दुनिया भर में बहुत से लोगों की जान बचाने में कामयाबी भी हासिल की है।

    दुनिया के रईसों तक ही पहुँच रही ये वैक्सीन:

    लेकिन तस्वीर का दूसरा रुख यह बता है कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन सिर्फ दुनिया के अमीर लोगों तक पहुंच रही है। फाइजर के चीफ एग्जीक्यूटिव ने हालांकि इस पर कहा था कि वह गरीब देशों को भी कोरोना वैक्सीन देने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोनासंक्रमण रोकने में फाइजर की वैक्सीन काफी असरदार साबित हुई है। इस वजह से इसके चीफ एग्जीक्यूटिव ने कहा था कि, वह इस वैक्सीन तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना चाहते हैं।

    अमीर देशों में हर चौथे व्यक्ति का हुआ टीकाकरण:

    वहीँ अप्रैल के मध्य तक दुनिया के अमीर देशों ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन के 70 करोड़ डोज में से 87% खरीद लिया था। वहीं इसके चलते दुनिया के गरीब देशों को फाइजर की कोरोना वायरस वैक्सीन का सिर्फ 0।2% ही मिला था। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक इन अमीर देशों में हर 4 में से 1 लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। लेकिन इसके उलट गरीब देशों में फिलहाल स्थिति यह है कि 500 लोगों में से सिर्फ एक को अब तक कोरोना वैक्सीन लग पाई है। हालाँकि फाइजर ने बड़ी बड़ी बातें करते हुए पहले यही कहा था कि वे दुनिया भर में अपनी कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

    फाइजर- अब तक भेजा 43 करोड़ वैक्सीन:

    इधर कंपनी ने बीते मंगलवार को कहा कि इसने अब तक दुनिया के 91 देशों को 43 करोड़ वैक्सीन के डोज भेजा है। वहीं फाइजर की प्रवक्ता शेरोन कैस्लियो का कहना था कि, फिलहाल यह बताना मुश्किल है कि इन वैक्सीन की कितनी डोज गरीब देशों में गई है। लेकिन अब मुनाफे का सवाल से घिरने पर फाइजर का कहना है कि अब वह कोरोना वैक्सीन की बिक्री से मुनाफा कमाने पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है। लेकिन WHO के आंकड़ों को देखें तो यह साफ़ दीखता है कि फाइजर ने अब तक दुनिया के गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन के रूप में कोई भी मदद नहीं पहुंचाई है। फिलहाल फाइजर अपने मुनाफे को गिनने में मशगुल है और वहीं किसी गरीब देश का कोई कोरोना मरीज इस वैक्सीन की आस में शायद अब तक मर गया होगा।