लाखों छोटे फुटवियर निर्माताओं को राहत

  • BIS मानकों के पालन के लिए बढ़ी डेडलाइन

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मुंबई. केंद्र सरकार ने लाखों छोटे फुटवियर (Footwear) निर्माताओं को राहत देते हुए ‘बीआईएस’ (‍BIS) मानकों के पालन के लिए डेडलाइन को 8 महीनों के लिए बढ़ा दी है। अब इन मानकों के मुताबिक फुटवियर बनाने के लिए डेडलाइन अगले साल 1 जुलाई कर दी गई है। इससे पहले यह डेडलाइन इस साल 29 अक्टूबर तक ही थी। कोरोना महामारी के चलते फुटवियर उद्योग के लघु कारोबारी और व्यापारिक महासंघ ‘कैट’ डेडलाइन बढ़ाने की मांग कई दिनों से कर रहे थे। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी हैं। भारत के फुटवियर उद्योग का वार्षिक कारोबार लगभग 23,600 करोड़ रुपए है और यह सालाना 11% की औसत दर से बढ़ रहा है।

निर्माण इकाइयों को करना होगा अपग्रेड

कारोबारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल सभी फुटवियर निर्माताओं के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड बनाए रखने के लिए ‘बीआईएस’ मानकों का पालन अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था और इसके लिए डेडलाइन 29 अक्टूबर 2020 रखी थी, लेकिन भारत का फुटवियर उद्योग अभी भी मशीनों की बजाय कारीगरों पर आधारित हैं। जबकि बीआईएस मानकों के पालन के लिए निर्माण इकाइयों को अपग्रेड करना पड़ेगा। इस समय फुटवियर व्यापार और उद्योग में मानकों का पालन करने के लिए क्षमताएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं नहीं है। इसके अलावा कोरोना महामारी के कारण भी इसकी तैयारी में निर्माताओं को परेशानी हुई। इसलिए डेडलाइन आगे बढ़ाना जरूरी हो गया था।

सुविधाएं स्थापित करने में ‘कैट’ करेगा मदद

कनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महानगर अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि अब मानक चिह्न धारण करने और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से लाइसेंस लेकर मानकों के अनुसार फुटवियर बनाने की डेडलाइन 1 जुलाई 2021 हो गई है। अब सात महिनों का समय मिलने से लाखों छोटे फुटवियर निर्माता इसके लिए पर्याप्त सुविधाएं स्थापित करने की तैयारी कर सकेंगे। महाराष्ट्र सहित देश में अब जहां भी फुटवियर के क्लस्टर हैं, ‘कैट’ उन जगहों पर फुटवियर कॉम्प्लेक्स और फुटवियर कंपोनेंट्स पार्ट को स्थापित करने में फुटवियर निर्माताओं और व्यापारिक संस्थाओं की मदद करेगी। इसके अलावा ‘कैट’ आवश्यक मशीनरी की खरीद, तकनीकी जानकारी, फुटवियर डिजाइनिंग केंद्रों और परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना में भी मदद करेगी। जरूरत पड़ने पर ‘कैट’ सरकार से भी सहयोग देने का आग्रह करेगा।

चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा उत्पादक

आंकड़ों के मुताबिक, चीन के बाद भारत फुटवियर का दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक उत्पादक है। वैश्विक फुटवियर उत्पादन का 13% उत्पादन भारत में होता है। भारत विभिन्न श्रेणियों के 206 करोड़ जोड़ी फुटवियर का उत्पादन करता है। जिनमें चमड़े के करीब 91 करोड़ और गैर चमड़े के करीब 105 करोड़ फुटवियर का उत्पादन होता है। इसके अलावा 10 करोड़ लेदर शूज के पीसेज भी बनाए जाते हैं। निर्यात की बात करें तो भारत से करीब 11।5 करोड़ फुटवियर का निर्यात होता है। इसको और बढ़ावा देने  के लिए यदि सरकार नई पॉलिसी बनाती है  तो चाइना एवं थाईलैंड के  कई फुटवियर उत्पादक भारत आ सकते हैं और जिससे नए रोजगार अवसरों में वृद्धि होगी।