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मुंबई. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निजी क्षेत्र की विनिर्माण कंपनियों की कुल बिक्री में साल दर साल आधार पर 41.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इससे कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के असर का पता चलता है। रिजर्व बैंक के मंगलवार को जारी विश्लेषण में यह कहा गया है।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि 2020- 21 की पहली तिमाही के दौरान निजी क्षेत्र के प्रदर्शन को लेकर गैर- सरकारी गैर- वित्तीय 2,536 सूचीबद्ध कंपनियों के तिमाही परिणाम पर गौर किया गया।

इसके मुताबिक, “विनिर्माण क्षेत्र की 1,619 कंपनियों की कुल बिक्री 2020- 21 की पहली तिमाही में साल-दर- साल आधार पर 41.1 प्रतिशत घटी है वहीं 2019- 20 की चौथी तिमाही में 15.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। इससे महामारी के कारण लगाये गये लॉकडाउन के प्रभाव का पता चलता है।”

कंपनियों के प्रदर्शन में यह गिरावट व्यापक आधार वाली रही और विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में इसे देखा गया। केवल दवा एवं औषधि कंपनियों के प्रदर्शन में ही सालाना और तिमाही दर तिमाही आधार पर वृद्धि दर्ज की गई। रिजर्व बैंक के मुताबिक गैर-आईटी सेवा कंपनियों के कामकाज में भी 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

केवल दूरसंचार कंपनियों को छोड़कर समूचे सेवा क्षेत्र में यह गिरावट देखी गई। इसके विपरीत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री वृद्धि अप्रैल- जून तिमाही के दौरान सकारात्मक दायरे में रही और इसमें सालाना आधार पर 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इसमें आगे कहा गया है कि व्यवसायिक गतिविधियां कम होने के कारण विनिर्माण और गैर- आईटी सेवा क्षेत्र की कंपनियों के परिचालन मुनाफे में गिरावट रही जबकि आईटी कंपनियों का परिचालन लाभ इस दौरान 9.4 प्रतिशत बढ़ गया।

कोविड- 19 की वजह से भारतीय पप्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिये चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के वित्तीय परिणाम जमा कराने की समयसीमा को 15 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया था। (एजेंसी)