S&P estimates, Indian economy to decline by five percent in FY 2020-21

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नयी दिल्ली.  एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत घट सकती है। एसएंडपी ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने मार्च 2021 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि पूर्वानुमान को घटाकर नकारात्मक पांच प्रतिशत कर दिया है… इस समय हमारा मानना है कि (महामारी का) प्रकोप तीसरी तिमाही में चरम पर होगा।” इससे पहले इस सप्ताह रेटिंग एजेंसी फिच और क्रिसिल ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत संकुचन का अनुमान जताया था। एसएंडपी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 के प्रकोप और दो महीने के लॉकडाउन – कुछ क्षेत्रों में इससे भी लंबे समय तक – ने अर्थव्यवस्था में अचानक रुकावट पैदा कर दी है।

इसका मतलब है कि इस वित्त वर्ष में वृद्धि तेजी से संकुचित होगी। आर्थिक गतिविधियां अगले एक साल तक व्यवधान का सामना करेंगी।” भारत में अभी तक कोविड-19 पर काबू नहीं पाया जा सका है। पिछले एक सप्ताह में नए मामले नए मामले प्रतिदिन 6,000 से अधिक रहे हैं। सरकार ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में कमी की है, जिससे संक्रमण के मामले बढ़े हैं। सरकार ने संक्रमण के मामलों के आधार पर देश को लाल, नारंगी और हरे क्षेत्रों में विभाजित किया है। ज्यादातर औद्योगिक महत्व के शहर लाल क्षेत्र में हैं। एसएंडपी ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि इन स्थानों (लाल क्षेत्र) में आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने में अधिक समय लगेगा। इससे पूरे देश में आपूर्ति श्रृंखलाओं पर असर पड़ेगा और सुधार की रफ्तार धीमी हो जाएगी… हमारा मानना है कि इस दौरान पूरे देश में आर्थिक बहाली की स्थिति अलग अलग रहेगी।” बयान में कहा गया कि सबसे अधिक रोजगार देने वाला सेवा क्षेत्र गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। श्रमिक भौगोलिक रूप से विस्थापित हो गए हैं और उन्हें लॉकडाउन उबरने में वक्त लगेगा। एसएंडपी के मुताबिक इस दौरान रोजगार की स्थिति नाजुक बनी रहेगी।