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    मुंबई. चाइनीज वायरस कोविड (Covid-19) की दूसरी लहर जिस तरह से कहर बरपा रही है और हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, उसके कारण आम जनता (Common Man) के साथ व्यापारी (Traders) और उद्यमी (Entrepreneurs) भी दहशत में आ रहे हैं। लॉकडाउन-2 (Lockdown-2) की वजह से कारोबार (Business) ठप होने लगा है। मुंबई कपड़ा बाजार में भी व्यवसाय चौपट होता जा रहा है। 

    महाराष्ट्र के साथ अनेक राज्यों के छोटे शहरों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के कारण वहां की कपड़ा मंडियों की मांग खत्म होने लगी है। नतीजन देश के इस सबसे बड़े थोक कपड़ा मार्केट के कारोबारियों में चिंता और डर व्याप्त हो गया है। भिवंडी और मालेगांव में उत्पादन (Production) 50% तक घट गया है और मजदूर (Workers) पलायन करते जा रहे हैं।

    पहले जान बचाई जाए, बाद में करेंगे व्यापार

    व्यापारियों का कहना है कि इस बार कोरोना संकट पिछले साल से ज्यादा खतरनाक साबित होता दिख रहा हैं। पिछले साल इसका प्रकोप मुंबई-दिल्ली जैसे महानगरों में ही ज्यादा था, लेकिन इस साल महामारी का प्रकोप छोटे-बड़े सभी शहरों में भी फैलता दिख रहा है। छोटे शहरों में तो मेडिकल सुविधाएं (Medical Facilities) भी उतनी नहीं है, जितनी मुंबई-दिल्ली में है। इस वजह से व्यापारी चिंतित होने के साथ दहशत में भी आ रहे हैं। इसलिए जो व्यापारी पहले लॉकडाउन का विरोध कर रहे थे, अब खुद ही जान बचाने के लिए बाजार बंद कर रहे हैं। कानपुर की कपड़ा बाजार कमेटी ने स्वेच्छा से एक सप्ताह के लिए बाजार बंद कर दिया है। व्यापारी कहने लगे हैं, ‘पहले जान बचाई जाए, व्यापार बाद में करेंगे’।

    शादी-ब्याह की बिक्री इस साल भी बर्बाद : केडिया

    भारत मर्चंट्स चैम्बर के ट्रस्टी श्रीप्रकाश केडिया ने कहा कि हालात बिगड़ने से पैदा हुए डर एवं चिंता तथा सख्त प्रतिबंधों के कारण देश भर में 50% से ज्यादा विवाह समारोह (Marriage Functions) स्थगित हो गए हैं और शेष भी स्थगित होते जा रहे हैं। जबकि अप्रैल-मई-जून के दौरान ही सबसे ज्यादा शादी-ब्याह होते हैं, विशेषकर छोटे शहरों और गांवों में। इस वजह से मुंबई के कपड़ा कारोबारियों के लिए ग्राहकी का यह सबसे बड़ा सीजन होता है। इस दौरान देश भर से मांग निकलती है। करीब 70 से 75% व्यवसाय इसी दौरान होता है। यह सीजन पिछले साल भी बर्बाद हो गया था और इस साल भी बर्बाद होता दिख रहा है। क्योंकि कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है और लोग शादी-ब्याह स्थगित कर रहे हैं।

    पैदा किया जा रहा है डर का माहौल : जैन

    हिंदुस्तान चैम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष शिखरचंद जैन ने कहा कि यह सही है कि कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है, लेकिन उससे ज्यादा फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) और अस्पताल मालिकों (Hospitals) की लॉबी अपने स्वार्थ के लिए पूरे देश में डर का माहौल पैदा कर रही है। जिस बीमारी की कोई दवा ही नहीं है, उसके लिए अस्पताल में भर्ती कर लाखों के बिल बनाए जा रहे हैं। यह खुली लूट है। इस वैश्विक संकट में भी सभी दलों की सरकारें वैक्सीनेशन (Vaccination) पर जोर देने की बजाय राजनीति कर देश में दहशत बढ़ा रही हैं। इसका खामियाजा केवल आम जनता और व्यापारी वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। व्यापारियों की बड़ी चिंता यह भी है कि अब वे अपनी कर्ज किस्त कैसे चुकाएंगे। कैसे कर्मचारियों को वेतन देंगे। सरकार तो कोई मदद कर नहीं रही।

    मजदूरों के पलायन से बढ़ेगा संकट : खेतान

    कीर्ति पॉलिटेक्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पुरुषोत्तम खेतान ने कहा कि मांग में भारी कमी आने से मुंबई के प्रमुख कपड़ा उत्पादन केंद्रों भिवंडी, मालेगांव, इचलकरंजी और तारापुर में उत्पादन घटता जा रहा है। वीवर भी आगे मांग घटने की आशंका में उत्पादन कम कर रहे है। उत्पादन में 50% से अधिक की कमी आ गयी है। मजदूर भी दहशत में आकर तेजी से पलायन कर रहे हैं। करीब 50% पलायन कर चुके हैं और शेष भी डर के मारे अपने गांव जाने की कोशिश में हैं। सबसे बड़ी चिंता यह भी है कि इस बार मजदूर जल्द वापस भी नहीं आएंगे। ऐसे में कपड़ा उद्योग का संकट और बढ़ सकता है।