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नयी दिल्ली. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार इंटरकनेक्शन नियमों में बदलावों को अधिसूचित किया है। इससे दो फिक्स्ड लाइन नेटवर्क और फिक्स्ड लाइन और राष्ट्रीय लंबी दूरी (एनएलडी) नेटवर्क के बीच सुगमता से इंटरकनेक्टिविटी का रास्ता खुल गया है।

उद्योग के एक जानकार ने कहा कि ट्राई के दूरसंचार इंटरकनेक्शन (दूसरा संशोधन) नियमन, 2020 से प्रक्रिया के मोर्चे पर चीजें स्पष्ट होंगी और फिक्स्ड लाइन ऑपरेटरों को सुविधा होगी। इससे छोटी दूरी के चार्जिंग क्षेत्र के अंदर सेवा रुकने पर इंटरकनेक्ट पॉंइंट बंद होने जैसे मुद्दों को भी हल किया जा सकेगा।

इन संशोधनों की जानकारी देते हुए नियामक ने कहा कि सेवा क्षेत्र के अंदर दो फिक्स्ड लाइन नेटवर्कों तथा फिक्स्ड लाइन और एनएलडी नेटवर्क के बीच कॉल के लिए पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्ट का गंतव्य उस स्थान पर होगा जिसके बारे में इंटरकनेक्शन प्रदाता और इसे प्राप्त करने वाले के बीच सहमति बनी है।

‘इंटरकनेक्शन’ से तात्पर्य ऐसी वाणिज्यिक और तकनीकी व्यवस्था से है, जिसके तहत दूरसंचार सेवाप्रदाता अपने उपकरण, नेटवर्क और सेवाओं को जोड़ते हैं, जिससे ग्राहक दूसरे ऑपरेटरों के नेटवर्क पर जा सकते हैं। ट्राई ने बयान में कहा कि यदि दोनों पक्ष किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाते हैं, तो ऐसे नेटवर्क के पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्ट (पीओआई) का गंतव्य लंबी दूरी का चार्जिंग केंद्र (एलडीसीसी) होगा। ट्राई ने कहा कि ऐसी स्थिति में एलडीसीसी से छोटी दूरी के चार्जिंग केंद्र (एसडीसीसी) पर कॉल ले जाने का शुल्क इंटरकनेक्शन पाने वाले को इंटरकनेक्शन प्रदाता को देना होगा। (एजेंसी)