- 20% तक महंगे हुए तेल
- आसमां छूती कीमतों ने बिगाड़ा किचन का बजट
मुंबई. देश में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र सहित तमाम राज्यों में लॉकडाउन लगाया जा रहा है। होटल-रेस्टोरेंट बंद किए जा रहे हैं। जहां बड़ी मात्रा में खाद्य तेलों (Vegetable Oils) का उपयोग होता है। लॉकडाउन-2 के कारण तेलों की खपत (Consumption) करीब 25 से 30% तक घट गयी है, लेकिन इसके बावजूद खाद्य तेलों की कीमतों (Prices) में तूफानी तेजी से आम उपभोक्ता (Consumers) हैरान है।
वैसे तो खाद्य तेलों में पिछले साल से ही तेजी का रूख हैं, लेकिन पिछले एक महीने से तो जबरदस्त तेजी है। इस तेजी का सबसे बड़ा कारण है भारी सट्टेबाजी (Speculation) और यह सट्टेबाजी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी हो रही है। विगत दो महीनों में सभी तेल 16 से 20% तक महंगे हो गए हैं।
वास्तविक मांग कम, सटोरिया मांग ज्यादा
व्यापारियों का कहना है कि ग्लोबल कमोडिटी बाजारों (Global Commodity Markets) में सबसे ज्यादा अमेरिकी सट्टेबाज हावी हैं, जो एग्री (Agri) और मेटल (Metal) कमोडिटीज की कीमतों में आपूर्ति और मांग का संतुलन बिगाड़ कर तेजी को हवा दे रहे हैं। वायदा कारोबार में भारी लॉन्ग पोजिशन खड़ी कर कृत्रिम रूप से सटोरिया मांग पैदा की जा रही है। यही कारण है कि कोरोना महामारी में वास्तविक मांग घटने के बावजूद कीमतें बढ़ती जा रही है। भारतीय वायदा बाजारों में भी सट्टेबाजी बढ़ती जा रही है।
13 वर्षों की ऊंचाई पर पाम तेल
वैश्विक बाजारों में तिलहनों और खाद्य तेलों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मलेशियाई एक्सचेंज (Bursa Malaysia Derivatives Exchange) में शुक्रवार को क्रूड पाम तेल वायदा भाव (Crude Palm Oil Futures Rate) 4% उछलकर 4850 रिंगिट प्रति टन की ऊंचाई पर जा पहुंचा, जो कि 2008 के बाद सर्वाधिक उच्च स्तर है। जबकि अमेरिका के शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (Chicago Mercantile Exchange) में सोया तेल (Soya Oil) वायदा भाव विगत 8 वर्षों की नई ऊंचाई 66 डॉलर प्रति पाउंड पर पहुंच गया, जो अप्रैल के शुरू में 53 डॉलर था। अर्थात एक महीने में ही 25% का भारी उछाल।
मुंबई में दाम नई ऊंचाईयों पर पहुंचे
वैश्विक बाजारों की तेजी का सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ रहा है क्योंकि भारत अपनी जरूरत के लिए आयात (Import) पर काफी हद तक निर्भर है। देश में कुल खपत की करीब 70% आयात से पूर्ति होती है। इसलिए वैश्विक तेजी-मंदी का प्रभाव तुरंत पड़ता है। मुंबई में सभी खाद्य तेलों के दाम नई ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं। पाम तेल के खुदरा दाम 137 से 142 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं, जो मार्च 2021 में 122-124 रुपए थे। यानी 16% की तेजी। और मार्च 2020 से अब तक पाम तेल 100% महंगा हो चुका है। यही हाल अन्य सभी तेलों का है।
वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाए सरकार : ठक्कर
कीमतों में अप्रत्याशित तेजी के मद्देनजर अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ ने केंद्र सरकार से सट्टा कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए सभी तेल-तिलहनों में वायदा कारोबार (Future Tarding) पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि वैश्विक सट्टेबाजों पर तो भारत का अंकुश नहीं है, लेकिन देश के कमोडिटी एक्सचेंजों (Commodity Exchanges) में हो रहे सट्टा (वायदा) कारोबार पर तो प्रतिबंध लगाकर घरेलू सट्टेबाजों पर तो अंकुश लगाया जा सकता है। लॉकडाउन में मांग 25 से 30% तक घट गयी है। फिर भी कीमतों में उछाल आना साफ तौर पर कृत्रिम तेजी है। वायदा कारोबार पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो महंगाई और भड़क सकती है।
लगातार बढ़ती कीमतें
खाद्य तेल | 31-03-20 | 31-03-21 | 07-05-21 |
पामोलीन | 70-72 | 122-124 | 137-142 |
सोया | 73-75 | 133-136 | 145-150 |
सनफ्लावर | 80-85 | 145-150 | 157-162 |
राइसब्रान | 70-72 | 120-125 | 142-147 |
सरसो | 85-90 | 130-135 | 157-162 |
मूंगफली | 140-145 | 155-160 | 170-175 |
(खुदरा कीमतें रुपए लीटर 5% GST सहित)