Boom Seen in Real Estate, Prices May Increase

  • 92% तक बढ़ी बिक्री, 10% तक बढ़ी कीमतें

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मुंबई. चाइनीज वायरस कोविड की महामारी पर नियंत्रण, अर्थव्यवस्था (Economy) में तेज रिकवरी, सस्ते होम लोन (Home Loan), निचली कीमतों पर बढ़ते निवेश और शेयर बाजार (Stock Market) में तेजी के चलते करीब 8 साल बाद रियल एस्टेट इंडस्ट्री (Real Estate Industry) में विशेषकर हाउसिंग सेंगमेंट में रौनक लौटती दिखाई दे रही है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जून-सिंतबर) के दौरान मुंबई, पुणे सहित देश के 8 प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में 92% का उछाल दर्ज हुआ है। मुंबई में तो बिक्री 109% तक बढ़ी है। इस वजह से रियल्टी कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आ रही है। अब त्योहारी सीजन में नवरात्रि, दशहरा, दिवाली पर रौनक और बढ़ने की उम्मीद है। एसबीआई (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), पीएनबी (PNB), कोटक (Kotak), एचडीएफसी (HDFC), एलआईसी हाउसिंग (LIC Housing) सहित सभी प्रमुख बैंकों व आवास वित्त कंपनियों ने त्योहारी मांग का फायदा उठाने के लिए होम लोन और सस्ता कर दिया है। जिसकी वजह से 6.50% से 6.70% की अब तक की सबसे कम दरों पर ही होम लोन मिल रहा है। 

ग्राहक ब्रांडेड डेवलपर्स के प्रोजेक्ट्स में घर लेना अधिक पसंद कर रहे हैं। वैसे बिक्री में तेजी के बावजूद फिलहाल कीमतें 5 से 10% ही बढ़ी हैं, जबकि निर्माण लागत 25% से 35% तक बढ़ चुकी है। हालांकि होम लोन सरकारी बैंकों से लेना ही अधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि सरकारी बैंक हमेशा दरें बढ़ाने में सबसे पीछे और घटाने में सबसे आगे रहते हैं। साथ ही ये कोई हिडन चार्ज भी नहीं लेते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि निर्माण लागत बढ़ने और मांग तेज होने से कीमतों में बढ़त का रूख बन रहा है और आगे तेजी आने की प्रबल संभावना है।  

हाउसिंग में लगातार बढ़ रही मांग : डॉ. हीरानंदानी

उद्योग संस्था ‘नरेडको’ (NAREDCO) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हीरानंदानी ग्रुप (Hiranandani Group) के प्रबं‍ध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री में निश्चित ही रौनक लौट रही है। अफोर्डेबल हाउसिंग, मिड और लक्जरी, तीनों सेगमेंट में अच्छी मांग आ रही है। कमर्शियल सेगमेंट भी रिकवर होने लगा है। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल स्टैम्प ड्यूटी में छूट दी थी, तभी से ही इंडस्ट्री में मांग निकलनी शुरू हुई। वह छूट कोविड महामारी से त्रस्त इंडस्ट्री के लिए बड़ा बूस्ट था और उसके बाद अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी आने से ग्राहकों का भरोसा और बढ़ा है। जिससे मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके अलावा मांग बढ़ने का एक दूसरा बड़ा कारण होम लोन दरें रिकार्ड निचले स्तरों पर आना है। आज सिर्फ 6।5% की दर पर होम लोन मिल रहा है। विगत 40 वर्षों में मैंने आज तक कभी इतनी कम दर नहीं देखी। ऐसा पहली बार देखा जा है कि होम लोन दर 6.।5% है और महंगाई दर 5% है। यानी सिर्फ 1.5% का अंतर। फिलहाल ब्याज दरें (Interest Rates) बढ़ने की भी संभावना नहीं है। इसका स्पष्ट संकेत शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक (RBI) गर्वनर ने रेपो दरों (Repo Rates) को स्थिर रख कर दे दिया है।

रिजर्व बैंक का ब्याज दरें स्थिर रख ग्रोथ बढ़ाने पर जोर

डॉ. हीरानंदानी ने कहा कि आरबीआई देश की ग्रोथ बढ़ाने पर अधिक प्राथमिकता दे रहा है। इसके लिए आरबीआई ने ब्याज दरें स्थिर रखने के साथ बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए जोर दिया है। यह अति महत्वपूर्ण कदम है। इस नीति से देश की ग्रोथ तेज होगी और रियल्टी सेक्टर में भी मांग बढ़ेगी। क्योंकि वैक्सीनेशन तेज होने से अब कोविड की तीसरी लहर की आशंका भी खत्म हो चली है। हालांकि अभी प्रॉपर्टी कीमतें 5 से 10% ही बढ़ी हैं, लेकिन इसका कारण भी निर्माण लागत बढ़ना है। आगे अपट्रेंड रहेगा।

एमएमआर में बढ़ेगी मांग

डॉ. हीरानंदानी ने कहा कि आर्थिक राजधानी में इंडस्ट्री के लिए एक दूसरा अहम पॉजिटिव फैक्टर तेजी से इंफ्रा विकास होना है। एमएमआर (MMR) में 300 किमी. की मेट्रो लाइन का निर्माण, 22 किमी. का मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, कोस्टल रोड प्रोजेक्ट और पनवेल से कर्जत तक लोकल रेलवे लाइन का विस्तार जैसे बड़े इंफ्रा विकास प्रोजेक्ट अगले 3 से 4 साल मुंबई की विकास गति तेज करेंगे। जिससे टाउनशिप परियोजनाओं में हाउसिंग मांग और तेज होगी।

रियल एस्टेट में निवेश का सही समय : मंजू याज्ञनिक

‘नरेडको’ की महाराष्ट्र वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं नाहर ग्रुप (Nahar Group) की उपाध्यक्ष मंजू याज्ञनिक का कहना है कि यह फेस्टिवल सीजन रियल एस्टेट में निवेश का सबसे सही समय है। क्योंकि देश की ग्रोथ तेज होने के साथ हाउसिंग में निवेश बढ़ रहा है। दूसरे, पिछले एक साल में स्टील (Steel), सीमेंट (Cement) और अन्य मैटेरियल की कीमतें और मैनपावर खर्च 30 से 40% तक बढ़ने के कारण हमारी निर्माण लागत 35% तक बढ़ चुकी है। जबकि प्रॉपर्टी कीमतें मामूली ही बढ़ी हैं। फिलहाल डेवलपर बिक्री बढ़ाने और मार्केट सेंटिमेंट पॉजिटिव बनाए रखने के लिए बढ़ी हुई लागत वहन कर रहे हैं और नए लॉन्च पर फेस्टिवल ऑफर दे रहे हैं, लेकिन ज्यादा समय तक वहन नहीं किया जा सकता है। इसलिए आगे कीमतें बढ़ेंगी ही। तब शायद मौजूदा कीमतें फिर ना दिखाई दे।

फेस्टिवल में बढ़ेगी बिक्री

मंजू याज्ञनिक ने कहा कि कोविड के बाद ‘वर्क फ्रॉम होम’ का कल्चर जारी रहने से लोग अब खुद का घर खरीदने या जिनके पास है, वे बड़ा घर लेने पर फोकस कर रहे हैं। साथ ही लोग अब ऐसे घर लेना पसंद कर रहे हैं, जिनके आस-पास स्कूल, हॉस्पिटल, मार्केट आदि सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर हो तथा हाउसिंग प्रोजेक्ट में कम्युनिटी स्पेस, गार्डन सहित सभी सुविधाएं हों। सस्ते होम लोन से भी ग्राहक उत्साहित हैं। हमें अगले 6 महीनों में मांग बहुत अच्छी रहने की उम्मीद है। एनआरआई (NRI) भी भारत में फिर निवेश (Invest) बढ़ाने लगे हैं। कोविड के बाद दूसरा बदलाव आया है कि मॉल कल्चर की बजाय अब सिंगल रिटेल स्टोर की मांग ज्यादा बढ़ रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने मुंबई के कोस्टल जोन को विकास के लिए ओपन करने का निर्णय लिया है। इससे मुंबई के तटीय इलाकों का हांगकांग, सिंगापुर की तरह डेवलपमेंट हो सकेगा और अगले 3-4 वर्षों में सप्लाई भी बढ़ेगी।  

अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग सबसे ज्यादा : नरेश कारडा

कारडा कंस्ट्रक्शन लि. (Karda Constructions Ltd.) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नरेश कारडा का कहना कि कोविड महामारी पर नियंत्रण होने, अर्थव्यवस्था में तेजी आने और नए रोजगार निकलने से रियल एस्टेट में ग्रोथ तेज होने लगी है। अफोर्डेबल हाउसिंग की सबसे ज्यादा मांग है क्योंकि हर व्यक्ति अपना खुद का घर लेना चाहता है। और अफोर्डेबल यानी किफायती आवास अब मुंबई जैसे महानगरों में तो दूभर है, यहां तो 1 करोड़ रुपए के नीचे घर नहीं है। इसलिए नाशिक, औरंगाबाद जैसे टीयर 2 शहरों में किफायती आवास की अच्छी मांग है। नाशिक में 20 लाख रुपए में वन बीएचके मिल रहा है। दूसरे, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास होने से नाशिक और अन्य टीयर 2 शहरों में रियल्टी सेक्टर को बूस्ट मिल रहा है। होम लोन सस्ता होने के साथ सरकार द्वारा 45 लाख रुपए तक के घरों पर जीएसटी 1% करने से मांग को बढ़ावा मिल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का लाभ भी टीयर 2 शहरों में ज्यादा लिया जा रहा है। जहां तक कीमतों की बात है, निर्माण लागत बहुत ज्यादा बढ़ गयी है, लेकिन नाशिक जैसे शहरों में कीमतें 15 से 20% ही बढ़ी हैं। जिस तरह लागत बढ़ रही है, उसके कारण कीमतों में वृद्धि होगी। इसलिए यह प्रॉपर्टी में निवेश का अच्छा समय है।