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  • 5.8% का औसत वार्षिक रिटर्न मिला गोल्ड में विगत 11 वर्षों में
  • 1.1% का मामूली रिटर्न मिला सिल्वर में विगत 11 वर्षों के दौरान

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मुंबई: कीमती पीली धातु (Gold) सोना एक सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। इसलिए भारतीयों का तो सदियों से गोल्ड के प्रति विशेष आकर्षण रहा है। अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, ब्रिटेन और भारत सहित दुनिया के सभी बड़े केंद्रीय बैंक अपने मुद्रा भंडार में भी सोने की मात्रा लगातार बढ़ा रहे हैं। इस तरह यह एक तरह से वैश्विक मुद्रा भी है। गोल्ड ने लॉन्ग टर्म (Long Term) में हमेशा निवेशकों की वेल्थ सृजित की है। पिछले साल निगेटिव रिटर्न देने के बाद इस साल अब तक भारत में सोने ने पांच प्रतिशत का पॉजिटिव रिटर्न (Positive Return) दिया है। इसका कारण डॉलर के मुकाबले रुपया 11.5 प्रतिशत कमजोर होना है।

 यदि विगत 11 वर्षों के आंकड़े देखें तो सोने में कुल 86 प्रतिशत फायदा और 5.80 प्रतिशत का औसत वार्षिक प्रतिफल (सीएजीआर) प्राप्त हुआ है। इस तरह लॉन्ग टर्म नजरिए से सोना निश्चित रूप से सुरक्षित और बढ़िया निवेश माध्यम है।

इस साल भारी उतार-चढ़ाव 

सोने और चांदी के दाम साथ-साथ घटते-बढ़ते हैं, परंतु लंबी अवधि में सोने ने ही अधिक फायदा दिया है। विगत 11 वर्षों में चांदी ने मात्र 1.10 प्रतिशत का मामूली औसत वार्षिक रिटर्न दिया है। हालांकि ग्लोबल मार्केट में इस साल सोना 7 प्रतिशत नुकसान में रहा है। चांदी में भी 19 प्रतिशत का नुकसान है। इसका कारण अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ना और अमेरिकी मुद्रा डॉलर का महंगा होना है। जब-जब ब्याज दरें बढ़ती हैं और डॉलर महंगा होता है। तब सोने की कीमतों पर दबाव बन जाता है। इसी वजह से इस साल सोना और चांदी में भारी उतार-चढ़ाव आया है। रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने पर 6 मार्च 2022 को सोना ऊंचे में 1,973 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा था, लेकिन बाद में युद्ध का असर कम होने और डॉलर महंगा होने से भाव गिरने लगे। वर्तमान में भाव 1,662 डॉलर पर है, जबकि नीचे में सोना 1,618 डॉलर तक गिरा है, जो कि विगत 31 महीनों का न्यूनतम स्तर है। इस साल उच्च स्तर से 311 डॉलर यानी 16 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। यही हाल चांदी का है। 

उच्च स्तर से चांदी में 29 प्रतिशत की भारी गिरावट

इस साल चांदी के दाम अपने उच्च स्तर 27.40 डॉलर से गिरकर अब 19.40 डॉलर प्रति औंस पर हैं। यानी ऊपरी स्तर से 8 डॉलर यानी 29 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। इस साल का निचला स्तर 17.64 डॉलर का रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर इंडेक्स में इस साल 19 प्रतिशत की बड़ी तेजी आई है। इतनी बड़ी तेजी 21 वर्षों के बाद पहली बार देखी जा रही है। अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक पर ब्याज दरें और ज्यादा नहीं बढ़ाने का वैश्विक दबाव बढ़ता जा रहा है। इस कारण उम्मीद है कि ब्याज दर वृद्धि और डॉलर इंडेक्स की तेजी पर इस साल के अंत तक विराम लग जाएगा। तब सोने में फिर तेजी का रूख बन सकता है।

 

गोल्ड-सिल्वर में तेजी के आसार: सौरभ गाडगिल

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के निदेशक और पीएनजी ज्वैलर्स के अध्यक्ष सौरभ गाडगिल का कहना है कि विश्व स्तर पर अस्थिरता का आलम है और करेंसी कमजोर हो रही है। यह गोल्ड के लिए बड़ा पॉजिटिव फैक्टर है क्योंकि सोना ही सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट है। केंद्रीय बैंक अपनी खरीद बढ़ा रहे हैं। भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इन कारणों से अब डिमांड तेज होने की उम्मीद है। इसके अलावा विश्व स्तर पर कमोडिटी कीमतों में गिरावट आने से अमेरिका और अन्य देशों में महंगाई दर में अब आगे कमी आने के आसार हैं। जिससे ब्याज दरों और डॉलर में वृद्धि पर विराम लगेगा। तब गोल्ड में निवेश बढ़ेगा। हमारा मानना है कि गोल्ड-सिल्वर दोनों की कीमतें लगभग बॉटम पर हैं। इससे अधिक घटने की संभावना नहीं है। सिल्वर में औद्योगिक मांग बढ़ रही है। सिल्वर की कुल वैश्विक मांग में भारत का हिस्सा 35 प्रतिशत हो गया है। लोगों की खरीद क्षमता बढ़ने से गोल्ड ज्वैलरी और सिल्वरवेयर की मांग बढ़ रही है। कुल मिलाकर दोनों कीमती धातुओं में इस दिवाली पर निवेश का सबसे अच्छा मौका है।

सोने में निवेश का ‘सुनहरा’ अवसर: संजय शाह

ज्वैलमेकर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष और नाइन डीएम के प्रबंध निदेशक संजय शाह का कहना है कि सोने के दाम अब लगभग बॉटम पर आ गए हैं। इससे ज्यादा गिरने की गुंजाइश ना के बराबर है। यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपने रिजर्व में सोने की मात्रा बढ़ाने लगा है। दूसरे बड़े देशों के बैंक भी फिर खरीदी करने लगे हैं। आज विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी का माहौल बन रहा है और मुद्राएं कमजोर हो रही हैं। ऐसे में लोगों का भरोसा सोने पर ही होगा। दुनिया में सोना ही एक ऐसी चीज है, जिसकी संकटपूर्ण समय और आर्थिक मंदी में वैल्यू बढ़ती है। अब डॉलर इंडेक्स ‘टॉप आउट’ होने की संभावना है। जैसे ही इसमें गिरावट आएगी, गोल्ड में तेजी शुरू हो जाएगी। इसलिए यह दिवाली सोने में निवेश का ‘सुनहरा’ अवसर है। अगले एक साल में आसानी से 8 से 10 प्रतिशत तेजी की उम्मीद की जा सकती है।