IPO मार्केट में लूटने की मची होड़, मंदी में धूल चाटते नजर आएंगे इनके शेयर

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    मुंबई : जब-जब शेयर बाजार (Stock Market) में तेजी का दौर चलता है तो तेजी का फायदा उठाने के लिए लालची प्रमोटर, मर्चेंट बैंकर व ब्रोकर सक्रिय हो जाते हैं। ये सभी मिलकर पूंजी बाजार नियामक ‘सेबी’ (SEBI) द्वारा आईपीओ मूल्य (IPO Price) निर्धारण में दी जा रही छूट का दुरूपयोग करते हुए मनमाने दाम पर आईपीओ लाकर आम निवेशकों को जमकर चूना लगाते हैं। वर्ष 1994-1995 में हजारों बोगस फाइनेंस कंपनियों ने आईपीओ के जरिए अरबों रुपए बटोरे। और जब मंदी आई तो अधिकांश गायब हो गयी। उसके बाद 1999-2001 में अनेक बोगस सॉफ्टवेयर कंपनियों ने डॉट-कॉम बूम का फायदा निवेशकों को जमकर चूना लगाया। बाद में उनमें से भी अनेक गायब हो गयी। फिर 2005-2008 में पावर, रियल एस्टेट सहित अन्य क्षेत्रों की कंपनियों ने महंगे आईपीओ लाकर निवेशकों को खूब लूटा। अब फिर जब शेयर बाजार में तेजी का दौर चल पड़ा है तो अनेक क्षेत्रों की कंपनियों के लालची प्रमोटर (Greedy Promoters), लालची मर्चेंट बैंकरों (Greedy Merchant Bankers) के साथ मिलकर अत्याधिक महंगे आईपीओ लाकर निवेशकों (Investors) को चूना लगा रहे हैं। इनमें भी ई-कॉमर्स (E-Commerce) यानी ऑनलाइन बिजनेस कंपनियां तो लालच की सारी हदें पार कर लूट के नए रिकार्ड स्थापित कर रही हैं।

    मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) कंपनियां तो कुछ प्रॉफिट दिखाकर 100-150 के महंगे पीई रेशियो (PE Ratio) पर आईपीओ ला रही हैं, लेकिन ऑनलाइन बिजनेस (Online Business) कंपनियां तो 800-1000 के अभूतपूर्व पीई रेशियो पर आईपीओ लाने लगी हैं और कुछ तो भारी घाटे (Loss) में होने के बावजूद भी रिकॉर्ड महंगे (Very Expensive) आईपीओ ला रही हैं। मूल्य/आय अनुपात यानी प्राइस टू अर्निंग (पीई) रेशियो किसी भी कंपनी के शेयर का मूल्यांकन (Valuation) करने का मुख्य ग्लोबल बेंचमार्क (Benchmark) माना जाता है। पहले जोमैटो (Zomato) और कारट्रेड (Cartrade), फिर FSN ई-कॉमर्स वेंचर यानी नायका (Nykaa), PB फिनटेक (Policybazaar), सैफायर फूड (Sapphire Foods) और अब पेटीएम (Paytm)। ये सभी कंपनियां इतने ज्यादा महंगे मूल्यों पर आईपीओ लेकर आई हैं, जिन महंगे मूल्यों पर इससे पहले भारत के प्राइमरी मार्केट (Primary Market) में कोई आईपीओ नहीं आया। जब तक बाजार में तेजी का माहौल रहता है, तब तक तो इनके शेयर ऊंचे स्तरों पर टिके रहने की संभावना रहती हैं, लेकिन जब बाजार में मंदी आती है तो इनके शेयर औंधे मुंह गिरने लगते हैं। तब अधिकांश निवेशक भारी नुकसान में आकर अफसोस करते नजर आते हैं। 

    28% के नुकसान में आए ‘कारट्रेड’ के निवेशक, 82 करोड़ का घाटा होने से आंकड़ों पर संदेह

    जोमैटो के बाद दूसरा महंगा आईपीओ कारट्रेड टेक (Cartrade Tech Ltd.) का आया। ऑनलाइन वाहन खरीद-बिक्री के लिए पोर्टल चलाने वाली कंपनी कारट्रेड ने अपना 3,000 करोड़ रुपए का आईपीओ 809 के रिकार्ड महंगे पीई रेशियो पर 9 अगस्त 2021 को जारी किया था। 1618 रुपए मूल्य पर बेचे गए कारट्रेड के शेयर 23 अगस्त को 1600 रुपए पर लिस्ट हुए और अब कंपनी का शेयर गिरते हुए 1166 रुपए पर आ गया है। यानी ढ़ाई महीने में ही 28% का नुकसान। पिछले साल 104 करोड़ रुपए का लाभ दिखाने वाली कारट्रेड इस साल की पहली छमाही में 82 करोड़ रुपए के भारी घाटे में आ गयी है। ऐसा अचानक क्या हुआ कि कंपनी इतनी जल्दी घाटे में आ गयी? क्या पिछले साल के आंकड़े फर्जी थे?

    ‘नायका’ ने दिखाए 20 साल बाद के सब्जबाग, मात्र 3 करोड़ का मुनाफा और IPO मूल्य 11,250 रुपए!

    ब्यूटी व फैशन उत्पादों के ऑनलाइन पोर्टल ‘नायका’ की संचालक कंपनी एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (FSN E-Commerce Ventures Ltd.) 2012 में शुरू हुई थी और तब से 2020 तक लगातार घाटे में रही। वित्त वर्ष में इसने 61 करोड़ रुपए का मुनाफा दिखाया, लेकिन जून 2021 की तिमाही में इसे मात्र 3 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। फिर भी कंपनी ने अपना एक रुपए फैस वैल्यू वाला शेयर 1125 रुपए में बेचा। यानी 10 रुपए फैस वैल्यू के हिसाब से देखा जाए तो इसका आईपीओ मूल्य 11,250 रुपए होता है। इस तरह नायका का आईपीओ जोमैटो और कारट्रेड से भी महंगा हुआ। नायका के प्रमोटरों और इसके मर्चेंट बैंकरों ने लुभावना प्रचार और ग्रे मार्केट में ऊंचा भाव चलवा कर 840 के रिकार्ड महंगे पीई रेशियो पर शेयर बेचकर बाजार से 5,352 करोड़ रुपए बटोर लिए। अब क्या ‘नायका’ देश की नंबर 1 ब्यूटी प्रोडक्ट कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर (HUL) से ज्यादा कमाई कर सकती है? नहीं। और HUL के ब्यूटी प्रोडक्ट ही नायका अपने पोर्टल पर बेचती है। HUL का शेयर वर्तमान में मात्र 68 के पीई रेशियो पर चल रहा है। ऐसे में निवेशकों को ‘20 साल बाद के यानी वर्ष 2041 तक के सब्जबाग’ दिखाने वाली नायका का शेयर 840 के महंगे पीई रेशियो पर कितने टिक पाएगा? यह बड़ा सवाल है। क्योंकि बाजार तो अंतत: वैल्यूएशन ही देखता है।

    पीबी फिनटेक लगातार घाटे में, IPO मूल्य 4900 रुपए!

    पॉलिसीबाजार और पैसाबाजार नाम के 2 इंश्योरेंस व लोन पोर्टल चलाने वाली कंपनी पीबी फिनटेक (PB Fintech Ltd.) ने 1 नवंबर को अपना आईपीओ जारी किया। यह ऑनलाइन ब्रोकिंग कंपनी लगातार घाटे में है। फिर भी इसने बाजार की तेजी का फायदा उठाकर 6,017 करोड़ रुपए बटोर लिए। पीबी फिनटेक ने अपने 2 रुपए फैस वैल्यू वाले शेयर 980 रुपए के मूल्य पर बेचे। यदि 10 रुपए फैस वैल्यू से गणना की जाए तो इसका आईपीओ मूल्य 4900 रुपए हो जाता है। आज अच्छा-खासा मुनाफा कमा रही प्रमुख निजी बीमा कंपनियों SBI लाइफ और HDFC लाइफ के शेयर 120-125 के पीई रेशियो पर चल रहे हैं। ऐसे में एक बीमा ब्रोकर कंपनी पीबी फिनटेक का शेयर इनसे 50 गुना महंगे पीई रेशियो पर टिक पाएगा?

    सैफायर फूड : कंपनी फायदे में आई नहीं, फिर भी प्रमोटर-निवेशक बेचने की जल्दी में

    केएफसी (KFC), पिज्जा हट (Pizza Hut) व टैको बेल (Taco Bell) जैसे ग्लोबल फास्ट फूड ब्रांड रेस्टोरेंट्स संचालित करने वाली सैफायर फूड भी लगातार घाटे में है। वित्त वर्ष 2020-21 में इसे 100 करोड़ रुपए का घाटा हुआ और कब फायदे में आएगी, कुछ कहना मुश्किल है। फिर भी यह 1120 से 1120 रुपए के महंगे भाव पर 9 नवंबर को आईपीओ ला रही है। आश्चर्य की बात यह है कि आईपीओ में कंपनी अपने कारोबार के लिए नई पूंजी नहीं जुटा रही है, बल्कि पूरा 2073 करोड़ रुपए का आईपीओ मौजूदा संस्थागत निवेशकों और प्रमोटरों की ऑफर फॉर सेल है। क्या इन्हें कंपनी की प्रगति पर संदेह है? शायद तभी ये कंपनी के घाटे में रहते हुए ही अपने शेयर बेच रहे हैं।   

    पेटीएम : सबसे महंगा और सबसे बड़ा आईपीओ

    1700 करोड़ का घाटा, आईपीओ मूल्य 21,500 रुपए प्रति शेयर!

    अब डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म ‘पेटीएम’ एप की संचालक कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन्स (One 97 Communications Ltd।) तो भारत का सबसे महंगा और सबसे बड़ा आईपीओ 8 नवंबर को ला रही है। चाइनीज कंपनियों (Chinese Companies) के निवेश से फली-फूली पेटीएम लगातार घाटे में है और वित्त वर्ष 2021 में भी इसको 1701 करोड़ रुपए का भारी घाटा हुआ है। ‘पेटीएम’ अपने 1 रुपए फैस वैल्यू वाले शेयर 2080-2150 रुपए के रिकार्ड महंगे भाव पर बेचकर 18,300 करोड़ रुपए बटोरना चाहती है। इसमें से 5,000 करोड़ रुपए तो अकेले चाइनीज कंपनी आन्ट ग्रुप (Ant Group) ही भारतीय निवेशकों से लेकर चली जाएगी। यदि 10 रुपए फैस वैल्यू के हिसाब से गणना की जाए तो ‘पेटीएम’ का आईपीओ मूल्य 21,500 रुपए प्रति शेयर हो जाता है। पेटीएम’ कब फायदे में आएगी, यह किसी को नहीं पता। खुद पेटीएम के प्रमोटर भी डीआरएचपी (DRHP) के पेज नं।40 में कह रहे हैं कि आगे घाटा और बढ़ सकता है। फिर भी ‘सेबी’ ने इतने महंगे मूल्य पर इसे आईपीओ लाने की मंजूरी कैसे दे दी? यह काफी हैरानी की बात है। एक भारी घाटे वाली कंपनी का शेयर 21,500 रुपए के सबसे महंगे मूल्य पर खरीदना क्या समझदारी है? जब टीसीएस (TCS), इंफोसिस (Infosys), एचसीएल (HCL Tech), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) जैसी टॉप लाभकारी टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर 30-35 के सस्ते पीई रेशियो पर उपलब्ध हैं। लुभावने प्रचार, ग्रे मार्केट में कृत्रिम रूप से भाव ऊंचा रख निवेशकों को सब्जबाग दिखाकर इस तरह की खुली लूट का यह ‘खेल’ दशकों से चला आ रहा है, परंतु ना सेबी कोई एक्शन लेती है और ना सरकार। इसलिए निवेशकों को अपनी जमा पूंजी की सुरक्षा के लिए खुद ही सतर्क रहने की जरूरत है।