After the announcement of Russia's army operation, investors lost more than eight lakh crore rupees in the initial business
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    मुंबई. शेयर बाजारों (Share Market) में सोमवार को उतार चढ़ाव भरे कारोबार में लगातर दूसरे दिन गिरावट रही। औद्योगिक उत्पादन और मुद्रास्फीति (Inflation) के निराशजनक आंकड़ों तथा कोविड-19 संक्रमण (COVID-19) के बढ़ते मामलों के बीच निवेशक बाजार से दूर नजर आये।

    कारोबारियों के अनुसार डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में उछाल से भी शेयर बाजार (Share Market) में निवेशकों को उत्साह नहीं मिला। बीएसई (BSE) के तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स (Sensex) में कारोबार के दौरान 1,035.71 अंक का उतार-चढ़ाव आया। अंत में यह 397 अंक यानी 0.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,395.08 अंक पर बंद हुआ।

    नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 101.45 अंक यानी 0.67 प्रतिशत टूटकर 14,929.50 अंक पर बंद हुआ। मुख्य रूप से बैंक और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही जबकि आईटी कंपनियों के शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान बजाज फिनसर्व में हुआ। यह शेयर 2.68 प्रतिशत गिरावट में रहा। बजाज ऑटो, बजाज फाइनेंस, एल एंड टी, एशियन पेंट्स, डा. रेड्डीज, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी हानि में रहे।

    लाभ में रहे प्रमुख शेयरों में टेक महिंद्रा, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक और एनटीपीसी शामिल हैं। इनमें 2.22 प्रतिशत तक की तेजी आयी। रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति मामलों के प्रमुख विनोद मोदी ने कहा कि देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता के बीच घरेलू शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गयी। इसके अलावा बांड पर प्रतिफल बढ़ने से भी निवेशक थोड़े सतर्क हैं।

    उन्होंने कहा, “साथ ही जनवरी 2021 में आईआईपी में गिरावट और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में तीव्र वृद्धि से भी धारणा पर असर पड़ा है।” शुक्रवार को बाजार में कारोबार समाप्त होने के बाद जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में जनवरी में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि दिसंबर 2020 में इसमें वृद्धि दर्ज की गयी थी। वहीं खाद्य वस्तुओं के महंगा होने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में तीन महीने के उच्च स्तर 5.03 प्रतिशत पर पहुंच गयी। पुन: थोक मुद्रास्फीति फरवरी में लगातार दूसरे महीने बढ़कर 4.17 प्रतिशत पर पहुंच गयी।

    खाद्य पदार्थ, ईंधन और बिजली के दाम बढ़ने से थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर बढ़ी है। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और सोल नुकसान में रहे। जबकि हांगकांग और तोक्यो में तेजी रही। भारतीय समयानुसार दोपहर बाद खुले यूरोप के प्रमुख बाजार लाभ में चल रहे थे। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 69.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 33 पैसे उछलकर 72.46 पर पहुंच गयी। (एजेंसी)