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    न्यूयॉर्क: भारतीय कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) को हर दिन नए झटके लग रहे हैं। अब अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) को अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोंस में बड़ा झटका लगा है। डाउ जोंस ने अडानी एंटरप्राइजेज को एसएंडपी इंडेक्स से हटा दिया है। डाउ जोंस न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने यह जानकारी दी है। डाउ जोंस के इस फैसले के बाद भारत में अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में लोअर सर्किट लगा था। इस शेयर में बड़ी गिरावट आई थी। अदाणी पावर के शेयर में भी लोअर सर्किट लगा है। अडानी पोर्ट में 10% की गिरावट (Stock Down Of Adani) आई है। अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अदानी टोटल गैस के शेयर भी लोअर सर्किट पर आ गए हैं।

     NSE ने अडानी पोर्ट केस्टॉक खरीद पर लगा दिया प्रतिबंध

    अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों (American Stock Exchange) ने S&P डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से अडानी एंटरप्राइजेज को हटाने की घोषणा की है। स्टॉक एक्सचेंज ने एक बयान में कहा कि अडानी एंटरप्राइजेज को 7 फरवरी, 2023 से एसएंडपी डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा दिया जाएगा। अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव को रोकने के मकसद से एनएसई ने बड़ा फैसला लिया है। NSE ने अडानी पोर्ट के F&O स्टॉक खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है। अदानी पोर्ट्स एंड एंटरप्राइजेज पर नजर रखी जाएगी। अमेरिका की जानी-मानी इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट से गौतम अडानी को झटका लगा है। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। समूह ने शेयरों में फेरबदल किया और ऑडिट में कथित अनियमितताएं कीं। बेशक इस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की चिंता बढ़ा दी है।

    अडानी की संपत्ति में 17.38% की गिरावट 

    अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया है और कानूनी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन तब तक इस रिपोर्ट ने अडानी का काफी नुकसान कर दिया। Forbes Billionaires Index के मुताबिक पिछले 24 घंटे में अडानी की संपत्ति में 17.38 फीसदी की गिरावट आई है। बाजार में कुछ दिनों तक अडानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ की चर्चा रही। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भी अडानी इंटरप्राइजेज ने एफपीओ लॉन्च किया। इसकी अवधि 31 जनवरी 2023 तक थी। इस दौरान निवेशकों ने उन्हें जवाब दिया। कंपनी 20,000 करोड़ रुपए का एफपीओ लेकर आई थी। इस एफपीओ के सब्सक्रिप्शन के बाद भी कंपनी ने इसे रद्द करने का ऐतिहासिक फैसला लिया। कंपनी की ओर से दावा किया गया कि कंपनी ने यह फैसला निवेशकों को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए लिया है।