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दिल्ली: देश में 3डी प्रिंटिंग का इस्तेमाल अब कोई नया नहीं है। यह प्रयोग कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। इस आधुनिक तकनीक से कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसका उपयोग मानव जीवन को सुखमय बनाने के लिए भी किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक डाकघर इस शहर में प्रमुखता से खड़ा है। अब आप सोच रहे होंगे कि 3डी प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस क्यों बनाया जा रहा है और इसका इस्तेमाल किस काम के लिए किया जाएगा? इसके लाभ और परिणाम जल्द ही भारतीयों को दिखाई देने लगेंगे। साथ ही यह प्रयोग देश में कई जगहों पर लागू किया जाएगा।

इस शहर में एक खूबसूरत इमारत

भारत में देश का पहला 3डी प्रिंटेड डाकघर बेंगलुरु शहर में बनाया जा रहा है। इस शहर के उत्सुर बाजार में यह खूबसूरत इमारत खड़ी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस 3डी प्रिंटेड डाकघर की तकनीक की जमकर तारीफ की है। उन्होंने ट्वीट कर इस पर टिप्पणी की। यह नई तकनीक निर्माण की गति को बढ़ाती है और इसकी गुणवत्ता को उच्च रखती है।

देश का पहला 3डी पोस्ट ऑफिस

यह बेंगलुरु शहर का पहला 3डी पोस्ट ऑफिस है। इसे लार्सन एंड ट्रुबो ने प्रोड्यूस किया है। कंपनी वर्तमान में इस तकनीक का उपयोग भारत में कई इमारतों के निर्माण के लिए कर रही है। यह 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करने वाली भारत की एकमात्र कंपनी है।

इतना खर्चा आएगा

इस डाकघर के निर्माण पर 25 लाख रुपये खर्च होने की उम्मीद है। यह खूबसूरत इमारत बेंगलुरु शहर के उत्सुर बाजार में बन रही है। इस 3डी प्रिंटिंग तकनीक के इस्तेमाल से निर्माण लागत में 25% की कमी आएगी। 3डी प्रिंटिंग तकनीक के इस्तेमाल से यह इमारत जल्द बनकर तैयार होगी। साथ ही गुणवत्ता भी अच्छी होगी। लेकिन काम करने में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कारोबार पहले की तरह चलता रहेगा। 3डी प्रिंटिंग का इस्तेमाल छोटे शहरों में औद्योगिक विकास के लिए किया जाता है। इससे छोटे और मध्यम उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल समय की बचत होती है बल्कि खर्च भी होता है। साथ ही ये भवन पर्यावरण के अनुकूल होंगे। वर्ष 2017 में, 3डी प्रिंटिंग बाजार करीब 7.01 मिलियन डॉलर का था। 2019 में इस तकनीक की हिस्सेदारी में करीब 80% की बढ़ोतरी हुई है।