petrol

  • 12% घटे दाम वैश्विक बाजार में
  • 0.20% की मामूली कटौती भारत में

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मुंबई. ‍वैश्विक बाजार में अब क्रूड ऑयल (Crude Oil) की कीमतें नीचे आने लगी हैं। पिछले दो सप्ताह में ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 9 डॉलर प्रति बैरल यानी 12% घट चुके हैं। क्रूड 70.80 डॉलर से घटकर अब 62 डॉलर पर आ गया है, लेकिन इस गिरावट का फायदा भारतीय उपभोक्ताओं (Indian Consumers) को नहीं मिल रहा है। मुंबई सहित देश भर में अब भी पेट्रोल और डीजल रिकार्ड ऊंचाई पर बेचा जा रहा है। 

बुधवार को पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (Oil Marketing Companies) ने पेट्रोल (Petrol) में 18 पैसे की और डीजल (Diesel) में 17 पैसे की मामूली कटौती की, यानी सिर्फ 0.20% की कटौती। जबकि कच्चे तेल के दाम में 12% की बड़ी गिरावट आई है। इस हिसाब से कंपनियों को और दाम घटाने चाहिए।

16 दिन से घट रहा क्रूड ऑयल  

भारतीय तेल कंपनियां मुख्यत: विदशों से क्रूड ऑयल आयात (Import) कर और फिर प्रोसेस कर पेट्रोल-डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पाद बनाती हैं। इसलिए विदेशों में क्रूड ऑयल की कीमतों के अनुरूप यहां कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें तय करती हैं। नवंबर 2020 से जब वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल कीमतों में तेजी शुरू हुई तो उसक साथ देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने भी पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ाने शुरू कर दिए। और भाव बढ़ाते हुए 27 फरवरी 2021 को मुंबई में पेट्रोल 97.55 रुपए और डीजल 88.58 रुपए प्रति लीटर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा दिए। अब क्रूड ऑयल तो 16 दिन से घट रहा है, लेकिन भारत में 16 दिन से कोई कटौती नहीं की गयी और लगातार ऊंचे दाम पर बेच कर भारी मुनाफा बटोरा जा रहा है। मार्च में पहली बार बुधवार 24 मार्च को 18 पैसे की मामूली कमी गयी है।

…तो 3 से 4 रुपए की कटौती संभव

इस संबंध में बीपीसीएल के एक अधिकारी का कहना है कि वैश्विक बाजार में 7 मार्च 2021 तक कीमतें बढ़ रही थीं। 7 मार्च को क्रूड ऑयल बढ़ता हुआ 70.8 डॉलर तक पहुंच गया था, जो विगत 22 महीनों का उच्च स्तर था। 8 मार्च से कीमतें घटनी शुरू हुई हैं, लेकिन भारत में 27 फरवरी के बाद भाव और नहीं बढ़ाए गए। 10 दिन कंपनियों ने कुछ घाटे में बिक्री की। इसके पीछे मोदी सरकार का दबाव था क्योंकि 5 राज्यों में चुनाव घोषित हो गए थे और पेट्रोल-डीजल की महंगाई बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। इस घाटे की भरपाई के लिए विगत 16 दिनों से पेट्रोल-डीजल के मूल्य नहीं घटाए गए थे। अब क्रूड के दाम निचले स्तरों पर स्थिर होते हैं तो कंपनियां 3 से 4 रुपए लीटर तक दाम घटा सकती हैं। 

मुंबई में 9 रुपए महंगा पेट्रोल

अधिकारी का कहना है कि भले ही क्रूड ऑयल की कीमतें नई ऊंचाई पर नहीं पहुंची, लेकिन पेट्रोल-डीजल के मूल्य नहीं ऊंचाई पर पहुंच गए। इसकी सबसे बड़ी वजह केंद्र और राज्य सरकारों का भारी टैक्स बोझ (Excise Duty & VAT) होना है। इसलिए भारत में पेट्रोल-डीजल सबसे महंगे हैं। ना केंद्र सरकार टैक्स घटाना चाहती हैं और ना राज्य सरकार। क्योंकि सभी के लिए यह कमाई का बड़ा जरिया है और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्य सरकारें तो सबसे ज्यादा टैक्स (वैट) वसूल रही हैं। यही कारण है कि मुंबई सहित महाराष्ट्र में पेट्रोल 97 रुपए से अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा है तो गोवा, हरियाणा जैसे छोटे राज्यों में करीब 9 रुपए सस्ता यानी करीब 88 रुपए है। इसलिए टैक्स बोझ भी घटाना बेहद जरूरी है।