नई दिल्ली: शेयर बाजारों के खुलने के साथ ही सोमवार को सभी की निगाहें अडाणी समूह की कंपनियों (Adani Group of companies) के शेयरों पर हैं। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग इकाई हिंडनबर्ग रिसर्च (American short-selling unit Hindenburg Research) ने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिन में भारी गिरावट आई है। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के जवाब में 413 पृष्ठ का ‘स्पष्टीकरण’ जारी किया है।
अपनी रिपोर्ट के जवाब में रविवार को जारी अडाणी समूह की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि उसका मानना है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और उभरती महाशक्ति है।
"India's future is being held back by Adani Group…," Hindenburg responds to Adani's 413 page rebuttal
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— ANI Digital (@ani_digital) January 30, 2023
अडाणी समूह ‘व्यवस्थित लूट’ से भारत (India) के भविष्य को रोक रहा है। हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह के इस आरोप को खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर एक हमला थी। हिंडनबर्ग ने कहा कि धोखाधड़ी को ‘राष्ट्रवाद’ या ‘बढ़ा-चढ़ाकर प्रतिक्रिया’ से ढंका नहीं जा सकता।
बता दें कि अमेरिका की फाइनेंशियल फ़ॉरेंसिक रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग इन दिनों भारतीय मीडिया में लगातार सुर्खियां बटोर रही है। कोई हिन्डनबर्ग की आलोचना कर रहा है तो कोई अडानी की। लेकिन जो नतीजा हुआ वो अडानी के हित मे नहीं था। वजह है उसकी रिपोर्ट में शामिल वो 88 सवाल, जो उसने अदानी ग्रुप से पूछे हैं। ये सवाल सीधे सीधे अदानी ग्रुप की कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर निशाना साधते हैं। रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी उथल-पुथल नजर आई।