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  • बढ़ता टैक्स बोझ, पर तेज हो रही मांग

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मुंबई:  क्रूड ऑयल सहित सभी कमोडिटी कीमतों में अप्रत्याशित तेजी और बढ़ती महंगाई के बावजूद जिस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) और शेयर बाजार (Stock Market) में तेजी का क्रम जारी है, उसी तरह बढ़ती निर्माण लागत (Construction Cost) और बढ़ते टैक्स बोझ (Tax Burden) के बावजूद रियल एस्टेट (Real Estate Industry) खासकर हाउसिंग सेक्टर (Housing Sector) में तेजी आ रही है और तेजी का यह नया दौर 6 साल बाद शुरू हुआ है। वैसे हमेशा ही शेयर बाजार में तेजी के बाद रियल एस्टेट में भी तेजी आती है। स्टील, सीमेंट, एल्युमिनियम, कॉपर सहित सभी कंस्ट्रक्शन मैटेरियल तथा पेट्रोल-डीजल लगातार महंगे होने से निर्माण लागत बढ़ती जा रही है। फिर भी 2021 में भारी बिक्री के बाद 2022 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में मुंबई, पुणे सहित देश के 7 प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में 71% का जोरदार उछाल आया है। 

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फर्म ‘एनरॉक’ (Anarock) के आंकड़ों के मुताबिक, पहली तिमाही में 99,950 घरों की बिक्री हुई, जो 2015 के बाद सर्वाधिक है। मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में 43% वृद्धि के साथ 27,680 घर बिके। जबकि ‘नाइट फ्रैंक’ (Knight Frank) की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2022 में ही मुंबई में करीब 16,000 से प्रॉपर्टी (आवासीय व ‍‍वाणिज्यिक) का रजिस्ट्रेशन हुआ और इससे महाराष्ट्र सरकार को 1100 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व (स्टैम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस) प्राप्त हुआ, जो विगत 10 वर्षों का सर्वाधिक मासिक टैक्स संग्रह (Tax Collection) है। अब राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में रेडी रेकनर दरें (Ready Reckoner Rates) औसतन 8.8% बढ़ा दी हैं। अर्थात प्रॉपर्टी कीमतें (Property Prices) सीधे 8.8% बढ़ जाएंगी। 1% मेट्रो सेस (Metro cess) लगाकर स्टैम्प ड्यूटी (Stamp Duty) भी 6% कर दी है। इस तरह कई चुनौतियां भी हैं। enavabharat.com ने इस बारे में हाउसिंग सेक्टर के दिग्गजों की राय जानी। इनका कहना है कि घरों की कीमतें घटने की तो कोई गुंजाइश ही नहीं है, क्योंकि सभी कंस्ट्रक्शन मैटेरियल महंगे होने से निर्माण लागत काफी ज्यादा बढ़ गयी है और बिक्री बढ़ने से रियल्टी कंपनियों के पास इन्वेंटरी घट गयी है। नई आपूर्ति कम है। अर्थव्यस्था में तेजी के चलते मांग लगातार बढ़ रही है। लिहाजा आगे बिक्री तथा कीमतों में और तेजी आ सकती है।

अफोर्डबल हाउसिंग में सबसे ज्यादा मांग : अशोक छाजेड़

अरिहंत सुपरस्ट्रक्चर्स लि. (Arihant Superstructures Ltd.) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अशोक छाजेड़ ने कहा कि बढ़ती लागत के कारण रियल्टी कंपनियों को घरों के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में दाम औसतन 20% बढ़ चुके हैं, लेकिन इसका घरों की बिक्री पर विपरीत असर नहीं हो रहा है क्योंकि इकोनॉमी में आ रही तेजी की वजह से लोगों की आय बढ़ रही है। दूसरे, बढ़ते बाजार में ग्राहक खरीदने का फैसला जल्दी ले लेते हैं। यह ग्राहकों का स्वभाव है कि मंदी में वे दाम और गिरने का इंतजार करते हैं जबकि तेजी में तुरंत खरीदते हैं कि कहीं दाम और ना बढ़ जाए। इसके अलावा होम लोन दरें भी न्यूनतम स्तरों पर कायम है। यह डिमांड के लिए बहुत बड़ा सपोर्ट है। यही वजह है कि घरों की रिकार्ड बिक्री हो रही है। अफोर्डबल हाउसिंग (Affordable Housing) में मांग सबसे ज्यादा है।

3,000 घरों की बिक्री का लक्ष्य

अशोक छाजेड़ ने कहा कि अब पूरे भारत में न्यू फाइनेंशियल ईयर शुरू हुआ है। लगभग सभी उद्योग क्षेत्रों में औसतन 10% की वेतन वृद्धि हो रही है। साथ ही इंडिया ग्रोथ स्टोरी (India Growth Story) तेज होने से रोजगार मार्केट में भी अच्छी तेजी है। वेतन वृद्धि और नए रोजगार अवसरों से लोगों की क्रय शक्ति 15% तक बढ़ जाएगी। जिससे घरों की मांग और बढ़ेगी। अरिहंत सुपरस्ट्रक्चर्स ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2,000 घरों की रिकार्ड बिक्री की और नए साल में 3,000 घरों की बिक्री का लक्ष्य रखा है। अरिहंत इस साल अफोर्डबल हाउसिंग के 4 मेगा प्रोजेक्ट नवी मुंबई, कल्याण, डोंबिवली और बदलापुर में लॉन्च कर रही है, जिनमें आधुनिक सुविधाओं के साथ 5,000 घरों का निर्माण किया जाएगा।

20% तक बढ़ सकती हैं कीमतें: अमित जैन

आर्केड ग्रुप (Arkade Group) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अमित जैन ने कहा कि किसी भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में लैंड के अलावा लैबर और कंस्ट्रक्शन मैटेरियल की लागत सबसे ज्यादा होती है। कोरोना महामारी और बढ़ती महंगाई से लैबर कॉस्ट निरंतर बढ़ रही है। स्टील सहित सभी बैसिक रॉ मैटेरियल की कीमतों में भारी उछाल आया है। एक साल पहले स्टील (Steel) 55 हजार रुपए टन था, जो ऊंचे में 90 हजार बिकने के बाद अब 82 हजार रुपए प्रति टन है। यही हाल अन्य मैटेरियल का है। साथ ही फ्यूल महंगा होने से ट्रांसपोर्ट लागत (Transportation Cost) भी काफी बढ़ गयी है। कुल मिलाकर विगत 6 महीनों में भवन निर्माण लागत 15 से 20% बढ़ चुकी है। अब राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में रेडी रेकनर दरें 8.8% बढ़ा दी हैं। मनपा के सभी प्रीमियम शुल्क व टीडीआर (TDR), रेकनर रेट से लिंक होते हैं। लिहाजा प्रीमियम शुल्क भी बढ़ जाएंगे। बीएमसी ने 1 अप्रैल से सीएफओ स्क्रूटनी फीस करीब 300% बढ़ा दी है। यानी निर्माण लागत 10 से 20% और बढ़ जाएगी। जिसका सीधा असर प्रॉपर्टी कीमतों पर आएगा। हमारा अनुमान है कि आगामी महीनों में घरों के दाम 15 से 20% और बढ़ जाएंगे।

21 लाख वर्गफीट निर्माण की योजना

अमित जैन ने कहा कि कीमतों में तेजी के बावजूद घरों की मांग कायम है क्योंकि अर्थव्यवस्था में तेजी आने से मांग को बढ़ावा मिल रहा है। होम लोन भी ऐतिहासिक न्यूनतम दरों पर उपलब्ध है। अफोर्डबल के साथ मिड हाउसिंग सेक्टर में बिक्री लगातार बढ़ रही है। समय पर घरों का निर्माण कर डिलीवरी देने वाली रियल्टी कंपनियों की बिक्री ज्यादा बढ़ रही है। मुंबई सबसे मूल्यवान रियल्टी मार्केट बना हुआ है। आर्केड ग्रुप ने अगले 3 वर्षों में मुंबई में 21 लाख वर्गफीट निर्माण करने की योजना बनाई है, जिनका मूल्य करीब 2,000 करोड़ रुपए होगा। आधुनिक लाइफस्टाइल वाले ये हाउसिंग प्रोजेक्ट बोरीवली, गोरेगांव, विलेपार्ले, सांताक्रुज, अंधेरी, मालाड़ और मुलुंड में बनाए जाएंगे।

लागत घटाने ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस’ जरूरी: संदीप माहेश्वरी

रेमंड रियल्टी (Raymond Realty) के मुख्य परिचालन अधिकारी संदीप माहेश्वरी ने कहा कि विगत एक साल में ‍स्टील, सीमेंट, एल्युमिनियम, सैंड, स्टोन, पाइप फिटिंग्स, टाइल्स सहित हर कंस्ट्रक्शन मैटेरियल (Construction Material) 50 से 100% तक महंगा हुआ है। जिससे प्रति वर्ग फीट निर्माण लागत 500 से 600 रुपए वर्गफीट बढ़ गयी है। इसके अलावा सरकार ने रॉयल्टी दरें 100% तक बढ़ा दी हैं। अब 1% मेट्रो सेस के अलावा सरकार ने रेडी रेकनर दरें 8 से 9% बढ़ा दी हैं। जिसका सीधा असर महानगरपालिकाओं के प्रीमियम्स और टीडीआर दरों पर पड़ेगा। लैबर कॉस्ट भी 10% तक बढ़ चुकी है। इस तरह निर्माण लागत में 8 से 10% की वृद्धि हो गयी है तथा आगे भी बढ़ने की आशंका है। जबकि रियल्टी बिजनेस में करीब 20% मार्जिन रहता है। ऐसे में हर डेवलपर के लिए कीमतें बढ़ाना जरूरी हो गया है। कम से कम 8 से 10% वृद्धि तो करनी होगी। राज्य सरकार को लागत घटाने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली (Single Window Clearance System) लागू करनी चाहिए, क्योंकि मंजूरियों में देरी से लागत बढ़ती है।

समय से पहले निर्माण का लक्ष्य

संदीप माहेश्वरी ने कहा कि भले ही कीमतों में तेजी का रूख है, लेकिन इकोनॉमी में ग्रोथ तेज होने से हाउसिंग डिमांड लगातार बढ़ रही है। दूसरे, डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम है। देश की आर्थिक राजधानी होने से मुंबई महानगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है। अच्छे इंफ्रास्ट्रक्टर और पर्यावरण के साथ-साथ एमएमआर में सभी जगह अच्छी कनेक्टिविटी होने से ठाणे भी एक प्रमुख हाउसिंग मार्केट बन गया है। इसलिए रेमंड ग्रुप ने ठाणे में 3,000 घरों का प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जिसके प्रथम चरण में 900 फ्लैट समय से पहले दिसंबर 2022 तक पूर्ण करने की कोशिश है। जबकि ‘रेरा’ (RERA) में निर्धारित लक्ष्य 2024 है। इस प्रोजेक्ट में रेमंड ग्रुप 3 स्टार मूल्य पर 5 स्टार सुविधाएं बना रहा है।