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    दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) 1 फरवरी को देश का बजट (Union Budget 2023) पेश करने जा रही हैं। हर बजट में हमेशा कुछ न कुछ नया होता है, लेकिन पिछले 75 सालों से एक चीज स्थिर रही है। वह है बजट तैयार करते समय बरती जाने वाली गोपनीयता। वित्त मंत्री के भाषण से पहले इस बात का खासा ख्याल रखा जाता है कि बजट की बातें कहीं बाहर न निकल जाएं। उसके लिए बजट तैयार करने वाली टीम को कुछ दिन बिना किसी के संपर्क में आए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) में रहना होता है। इंटरनेट और सोशल मीडिया (Social Media) के इस दिन और युग में कुछ भी लंबे समय तक गुप्त नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में भी वित्त मंत्रालय बजट को गुप्त रखने में सफल रहा है। बजट केंद्रीय वित्त मंत्रालय और अन्य विभागों के कुछ अधिकारियों की मदद से तैयार किया जाता है।

    इंटेलिजेंस ब्यूरो की पैनी नजर

    इसके लिए चुनी गई अधिकारियों की टीम को वित्त मंत्रालय में रखा गया है। उन्हें बाहरी दुनिया से किसी भी तरह के संपर्क की इजाजत नहीं है। उन अधिकारियों को एक तरह से क्वारैंटाइन किया गया है। इन अफसरों की हर हरकत पर इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureu)  की पैनी नजर है। इस काम में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) भी उनकी मदद करती है। टीम में कानून मंत्रालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अधिकारियों और केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) के कुछ कानूनी विशेषज्ञ शामिल हैं। साथ ही पत्र सूचना कार्यालय के अधिकारियों को इस बजट की प्रतियां तैयार करने के लिए एक तहखाने में रखा जाता है।

    लगाए गए हैं इलेक्ट्रॉनिक जैमर 

    इन अधिकारियों को घर नहीं जाने दिया जा रहा है। दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में उनके खाने और रहने का सारा इंतजाम वित्त मंत्रालय करता है। अंदर काम करने के दौरान इन लोगों के मोबाइल फोन या अन्य चीजें जमा हो जाती हैं। बजट तैयार करने के बाद इसकी छपाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है। प्रिंटिंग से जुड़े अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट एरिया तक ही सीमित रहते हैं, जहां प्रेस रखी जाती हैं। उन्हें फोन या किसी अन्य रूप से उनसे संपर्क करने की भी अनुमति नहीं है इस स्थान पर सर्वर दुनिया से डिस्कनेक्ट हो गए हैं। किसी भी साइबर चोरी को रोकने के लिए प्रेस क्षेत्र के कंप्यूटरों को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के सर्वर से अलग कर दिया जाता है। कोई सूचना लीक न हो  इसके लिए एहतियात के तौर पर नॉर्थ ब्लॉक में इलेक्ट्रॉनिक जैमर (Electronic Jammar) लगाए गए हैं। इस टीम को तब निकाला जाता है जब वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करते हैं।