नयी दिल्ली. जहाँ एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) में कमरतोड़ महंगाई (Inflation) के चलते लोगों का अब वहां जीना दूभर हो रखा है। वहीं बीते 12 महीने में पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई देखने को मिली है। महज शहरों में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के गांवों में भी अब रोजमर्रा की चीजों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही रही है। अब तो आलम-ए-मुसीबत यहाँ ये है कि पाकिस्तान के लोगों के लिए चाय का स्वाद ही फीका हो गयाहै। हालाँकि अगर पाकिस्तान चाहता तो उसे भारत से सस्ते में चीनी (Tea and Sugar) मिल जाती लेकिन उसने तो बीते साल भारत से आयात करने से साफ़ इनकार कर दिया था।
बात अगर पाकिस्तान के शहर रावलपिंडी की बात हो तो यहाँ चाय ने लोगों का स्वाद ही बिगाड़ दिया है। जी हाँ यहां एक कप चाय की कीमत 40 रूपए हो रखी है। वहीं पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक जहाँ पहले एक कप चाय की कीमत 30 रूपए थी जो अब बढ़कर 40 रूपए हो चुकी है। वहीं हाल-फिलहाल चाय के दामों में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है। चायपत्ती, टी बैग्स, दूध, चीनी और गैस के दामों में बढ़ोतरी के चलते पिछले कुछ समय में यहाँ अब चाय की कीमत में 35% की बढ़ोतरी देखि गयी है।वहीं पाकिस्तान में दूध के दाम 105 से बढ़कर 120 रूपए/लीटर हो चुके हैं। इसके अलावा चायपत्ती की कीमत 800 से 900 रूपए और गैस सिलेंडर के दाम 1500 से 3000 हजार रुपए हो चुके हैं।
गरीबों पर महंगाई की भयंकर मार
गौरतलब है कि चाय के दामों में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा नकारात्मक असर छोटे टी शॉप बिजनेस पर पड़ा है क्योंकि चाय की कीमत बढ़ने से कई रेग्युलर कस्टमर्स ने चार या तीन कप की जगह तीन या दो कप पीना शुरू कर दिया है। वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो महंगाई से परेशान होकर पूरी तरह से चाय छोड़ने का प्लान कर रहे हैं।
इमरान सरकार की जिद अब बनी यहाँ के आवाम के लिए मुसीबत
गैरतलब है कि पाकिस्तान में इमरान सरकार की जिद के चलते भी इस देश की आवाम को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जी हाँ अभी कुछ समय पहले ही ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान द्वारा इंपोर्ट की गई 28,760 मीट्रिक टन चीनी की एक खेप पाकिस्तान पहुंची है। इस चीनी के लिए पाकिस्तान ने लगभग 110 रूपए/किलो का भुगतान किया है। वहीं, बीते 2020 को जब टीसीपी ने एक लाख टन चीनी का इंपोर्ट किया था तब ये कीमत लगभग 90 रूपए /किलो आयी थी। वहीं पाकिस्तान अगर चाहता तो उसे भारत से चीनी काफी कम कीमत में मिल सकती थी।
लेकिन भले ही वहां उनकी जनता लाख परेशानी उठाये, लेकिन इन सबसे एकाग पाकिस्तान का कहना था कि भारत जब तक कश्मीर में आर्टिकल 370 बहाल नहीं करता है तब तक पाकिस्तान चीनी और गेहूं जैसे जरूरी सामानों के इंपोर्ट के लिए भारत को अपनी मंजूरी नहीं दे सकता है। वहीं बीते साल 2018 में रिलीज हुई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान अगर वीजा की कठिन पॉलिसी, हाई टैरिफ और जटिल प्रक्रियाओं को दूर कर लेते हैं तो भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार 2 अरब डॉलर्स से बढ़कर 37 अरब डॉलर्स तक जा सकता है। लेकिन फिलहाल पाकिस्तान की इमरान सरकार को चाय महँगी पीना ज्यादा पसंद आ रहा है।