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    दिल्ली: जैसे की हर साल देश की वित्त मंत्री संसद में भारत देश का आम बजट (Union Budget) पेश करती है, पर भारत के इतिहास में कुछ ऐसा हुआ जब देश के प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया। हालाँकि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2023 को देश का आम बजट(Union Budget 2023) पेश करने वाली है। यह मोदी सरकार (Modi Govt) के दूसरे टर्म का आखिरी बजट होगा। ऐसे में आम लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें भी हैं। देश का बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Prime Minister Jawarlaal Nehru) थे।

    पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पेश किया देश का बजट 

     उनके बाद उनकी बेटी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने पीएम रहते हुए देश का बजट पेश किया था। इसके अलावा राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने भी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए देश का बजट पेश किया है। जब जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने दो बार वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) का पदभार संभाला था, और 1958 में वित्त मंत्री टीटी कृष्णचारी को इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद नेहरू ने 13 फरवरी, 1958 को वित्त मंत्री का पद संभाला था। इस दौरान ही उन्होंने देश के सामने 1958-1959 का बजट पेश किया था फिर प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने बजट पेश किया था हालाँकि, इंदिरा गांधी के सरकार में वित्त मंत्री मोरारजी देसाई हुआ करते थे, जिन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय का भार अपने ऊपर ले लिया था। इसी कारण से इंदिरा गांधी ने 1970-71 का बजट खुद पेश किया था। 

     अरुण जेटली ने बदली परंपरा  

     ऐसा करके वो देश के सामने बजट पेश करने वाली महिला भी बन गई थीं। नेहरू-गांधी परिवार के तीसरे सदस्य थे राजीव गाँधी जो देश के प्रधानमंत्री भी रहें और प्रधानमंत्री रहते हुए देश का बजट भी पेश किया। दलअसल राजीव गांधी की सरकार में वित्त मंत्री रहे वीपी सिंह के सरकार से बाहर होने के बाद राजीव गांधी ने वित्त मंत्री का पद ग्रहण किया और देश के सामने 1987-88 का आम बजट पेश किया। सन 1999 तक केंद्रीय बजट ब्रिटिश काल की प्रथा के अनुसार फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को शाम 5 बजे पेश किया जाता था। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 1999 में बजट पेश करने का समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था। अरुण जेटली ने उस महीने के अंतिम कार्य दिवस का उपयोग करने की परंपरा से हटकर 1 फरवरी 2017 को केंद्रीय बजट पेश करना शुरू किया।देश के इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है। उन्होंने 1962-69 के दौरान वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 10 बजट पेश किए थे, इसके बाद पी चिदंबरम (9), प्रणब मुखर्जी (8), यशवंत सिन्हा (8) और मनमोहन सिंह (6) ने बजट पेश किया था।