Shaktikanta Das
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    मुंबई: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की अगस्त 2022 की बैठक के दौरान रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि खुदरा महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे कर्ज की मासिक किस्त बढ़ेगी।  साथ ही मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी निर्णय किया है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।’

    उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऊंची मुद्रास्फीति से जूझ रही है और इसे नियंत्रण में लाना जरूरी है। दास ने कहा, मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी फैसला किया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित हुई है। हम उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रहे हैं। हमने वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 3 अगस्त तक 13.3 अरब अमेरिकी डॉलर के बड़े पोर्टफोलियो का प्रवाह देखा है। 

    बता दें कि RBI ने तत्काल प्रभाव से रेपो रेट 50 BPS बढ़ाकर 5.4% कर दिया। 2022-23 के लिए रियल GDP विकास अनुमान 7.2% है जिसमें Q1- 16.2%, Q2- 6.2%, Q3 -4.1% और Q4- 4% व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ होगा। 2023-24 के पहले तिमाही(Q1) में रियल GDP वृद्धि 6.7% अनुमानित है। 2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7% रहने का अनुमान है। 2023-24 के पहले तिमाही के लिए CPI मुद्रास्फीति 5% अनुमानित है। (इनपुट एजेंसी)